बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में 39 लोगो पर गैंगरेप का मुकदमा दर्ज होने के बाद रविवार को आरोपी पक्ष के सैकड़ों लोगों ने कैंट सीओ का घेराव कर निष्पक्ष जांच की मांग की है. आरोपी पक्ष के लोगों का आरोप है कि आरोप लगाने वाली महिला के परिजनों ने गांव के कई लोगों से उधार पैसे ले रखे हैं. जब गांव वालों ने अपने पैसे वापस मांगे तो महिला और उसके परिजनों ने उन पर दुष्कर्म मामला दर्ज करा दिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बरेली कैंट थाना सीओ ने मामले की विस्तृत जांच के बाद ही आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कही है. महिला की ओर से एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद अब आरोपी अफसरों के चक्कर काट रहे हैं. आरोपियों के परिजनों का कहना है कि गांव के प्रमोद ने अपनी पत्नी से तहरीर दिलवाकर चार नामजद और 35 अज्ञात लोगों के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराई है.


आरोपियों के परिजनों का कहना है कि प्रमोद ने उनसे उधार पैसे लिए थे. जब उन्हें पता चला कि प्रमोद ने अपनी कोई प्रॉपर्टी बेची है और उसके पास पैसे लौटाने का इंतजाम है, तो उन्होंने प्रमोद से उधार लिए गए पैसे लौटाने की मांग की. इसके बाद प्रमोद ने इन लोगों को अपने घर बुलाया और अपनी पत्नी के साथ मिलकर इनसे मारपीट की.


मारपीट करने के बाद प्रमोद की पत्नी ने बरेली कैंट थाने में इन लोगों के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज करवा दिया. दरअसल, दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला का कहना है कि उसके साथ 35 लोगों ने गैंगरेप किया और उसकी वीडियो क्लिपिंग बना ली. विरोध करने पर महिला को बुरी तरह मारा-पीटा और उसके बच्चों व पति को जान से मारने की धमकी भी दी. 


ये लोग महिला को वीडियो क्लिपिंग के नाम पर ब्लैकमेल करते रहे और आए दिन अलग-अलग लोगों को बुलाकर उसके साथ एक साल तक सामूहिक दुष्कर्म करवाते रहे. महिला का आरोप है कि एक साल में करीब 30 से 35 लोगों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. इतना ही नहीं महिला के विरोध करने पर दरिंदे उसके मुंह में कपड़ा ठूंस देते थे और फिर उसको नग्न अवस्था में मारते-पीटते थे. फिर 4 से 5 लोग उसके साथ गैंगरेप जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम देते थे.