लखनऊः उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड ने अपने तहत चल रहे सभी मदरसों से कहा है कि वे स्वतंत्रता दिवस मनाएं और झंडारोहण एवं राष्ट्रगान के बाद 'भारत माता की जय' का उदघोष करें. उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने मदरसों को दिये आदेश के हवाले से कहा कि शिया वक्फ बोर्ड के तहत चल रहे सभी मदरसों से कहा गया है कि वे स्वतंत्रता दिवस मनायें. झंडारोहण और राष्ट्रगान के बाद भारत माता की जय का उदघोष करें .


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बोर्ड ने चेतावनी दी है कि आदेश का पालन सुनिश्चित नहीं करने वाले मदरसों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियों पर प्रदेश में 1500 मदरसे और स्कूल चल रहे हैं.


मप्र के मदरसों को स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा रैली आयोजित करने के निर्देश
बता दें कि 10 अगस्त को मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड (एमपीएमबी) ने प्रदेश के 2700 मदरसों को स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के मौके पर ‘‘पैगाम-ए-मोहब्बत’’ तिरंगा रैली आयोजित करने के निर्देश जारी किये हैं.बोर्ड के चेयरमैन इमामुद्दीन ने 10 अगस्त को मीडिया को बताया, ‘‘बोर्ड के पंजीकृत एवं सम्बद्ध प्रदेश के 2700 मदरसों को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ‘पैगाम-ए-मोहब्बत’ नाम से तिरंगा रैलियां निकालने के लिये कहा गया है.’’ उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य यह है कि मदरसा विद्यार्थी मुख्यधारा में शामिल हों तथा अन्य समुदाय के लोगों के साथ उनके संबंध परस्पर विश्वास के साथ कायम हों.


इमामुद्दीन ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में मदरसों को हाल ही में निर्देश जारी किये हैं. विभिन्न संस्थाओं द्वारा प्रदेश में निकाली जाने वाली तिरंगा रैलियों में पैगाम-ए-मोहब्बत आयोजन के माध्यम से मदरसों को शामिल होने के लिये कहा गया है. इसके साथ ही मदरसों को अपने स्थान पर तिरंगा फहराने के लिये भी कहा गया है.


उन्होंने कहा कि जहां अन्य संस्थाओं द्वारा तिरंगा रैलियां नहीं निकाली जा रही हैं, वहां मदरसों को अपनी पैगाम-ए-मोहब्बत तिरंगा रैली के तौर पर निकालने के लिये कहा गया है. भोपाल के मदरसों को पैगाम-ए-अमन नाम से रैली निकालने के लिये कहा गया है क्योंकि यहां एक संगठन द्वारा पहले से पैगाम-ए-मोहब्बत के नाम से स्वतंत्रता दिवस पर आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही मदरसों को, जो कि अपने विद्यार्थियों को धार्मिक और आधुनिक शिक्षा देते हैं, को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिये भी कहा गया है.


एमपीएमबी के चेयरमैन ने बताया कि मदरसों को इन आयोजनों की वीडियो रिकार्डिग करने और इसे बोर्ड को भेजने के लिये कहा गया है ताकि इन रिकार्डिंग को बोर्ड की वेबसाइट पर डाला जा सके. उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों के आधार पर मदरसों को वार्षिक पुरस्कार दिये जायेंगे.उन्होंने बताया कि इस प्रकार के आयोजन हम पिछले तीन सालों से कर रहे हैं. इस साल इसे केवल एक नया नाम दिया गया है. इसका कोई और मतलब नहीं निकाला जाना चाहिये.


(इनपुट भाषा से)