Madhya Pradesh Political News: रायसेन जिले के बरेली में उच्च शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप का दर्द ऐसा निकला कि विपक्ष को लपकने का मौका मिल गया. मप्र में बदहाल शिक्षा व्यवस्था है, ये बात खुद उच्च शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप ने मंच से कबूली. उन्होंने कहा कि कई सरकारी शिक्षक स्कूल जाते ही नहीं हैं. वो पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व अटल विहारी बाजपेयी की जन्म शताब्दी पर अटल शिक्षा रत्न एवं शिक्षा महाकुंभ का आयोजन में शामिल होने आये थे. इस दौरान पूरे प्रदेश से आये शिक्षकों ने विभागीय मंत्री के सामने अपनी मांगे और परेशानियां बताई. इसके बाद उनका मंच से छलका ये दर्द विपक्ष के लिए मौका और मीडिया के लिए सुर्खियां बन गया. 


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'अपने बदले 10-15 हजार के दूसरे शिक्षक रखे हुए हैं'
स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप ने अपने भाषण में खुले तौर पर कह डाला कि शिक्षका व्यवस्था लचर है.  समस्याएं सुनते सुनते स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप ने कहा हमे आपकी समस्याएं पता हैं, पर आपको भी अपनी चीजे सुधारने की जरूरत है. आये दिन स्कूल की खबरे पेपर में आती रहती हैं. मुझे खुद ऐसे 500 शिक्षकों का पता है जो अपने बदले 10-15 हजार के दूसरे शिक्षक रखे हुए हैं. मेरे जिले में ही 100 शिक्षक ऐसे हैं, हालांकि वो इन पर कार्रवाई की बात पर बचते नजर आए. बोलते बोलते मंत्रीजी इतना तक कह गए कि मेरी सुरक्षा में लगे गार्ड की सैलरी महज 32 से 34 हजार रुपये है. ड्यूटी 24 घण्टे साल भर करता है. मंत्री जी ने सिपाही का उदाहरण देते हुए शिक्षकों को खरी खरी सुनाई. कहा सिपाही 32 ,34 हजार में काम कर रहा है और आप 80 हजार लेकर भी उतना काम नहीं कर पा रहे. यही दुखद वजह है कि प्रदेश में निजी स्कूल फल फूल रहे है.  महज 28 से 30 लाख बच्चे ही निजी स्कूलों में पढ़ते हैं, लेकिन आपके कंधों पर लगभग 90 लाख बच्चों की जिम्मेदारी है. नई शिक्षा नीति छात्रों को अच्छी शिक्षा देने की ओर एक कदम है. आप सभी को साथ देना होगा. 


जीतू पटवारी ने मारा चौका
मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री के मुंह से सच निकला तो तालियां बजाने की जगह पीसीसी चीफ ने ताना जड़ मारा. जीतू पटवारी ने बिना देर किए एक्स पर पोस्ट फेंका और कहा मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने खुद कबूल किया कि 500 शिक्षक स्कूल नहीं जाते और किराए पर लोग लगा रखे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री मोहन यादव जी यह कितनी शर्म की बात है कि आपके मंत्री को पता है कि स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, लेकिन कार्रवाई करने के जगह मंच से इसका महिमामंडन कर रहे हैं.