दिवाली पर घर में पार्टी करने वाले सावधान, कभी न करें ये गलती वरना तगड़ा जुर्माना हो जाएगी जेल
GK Explainer: खुशी और त्योहार के मौके पर अक्सर शराब पीने और पिलाने का चलन होता है. लेकिन घर में कानून के नियम से ज्यादा शराब रखने या मिलने पर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है तो अगली बार घर पर शराब पार्टी रखने से पहले ये खबर जरूर ध्यान रखें.
Alcohol Storage Rule: बर्थडे पार्टी की तैयारी हो रही है. म्यूजिक की आवाज़ तेज है, स्नैक्स टेबल पर सजे हैं, और आप बस व्हिस्की, स्कॉच या बीयर की पहली बोतल खोलने वाले हैं. तभी आपके घर में रेड पड़ जाती है! पार्टी का मजा किरकिरा हो जाता है क्योंकि अल्कोहल स्टॉक रखने के नियमों की जानकारी नहीं थी. दरअसल, भारत में शराब रखने के लिए सरकार ने कुछ नियम निर्धारित किए हैं, और इन नियमों का पालन न करने पर आपको कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
घर में शराब रखने का नियम
सामान्यत: घर में थोड़ी-बहुत शराब रखने के लिए आपको लाइसेंस की जरूरत नहीं होती. लेकिन अगर आप बड़ी मात्रा में शराब स्टोर करते हैं, तो इसके लिए आपको लाइसेंस लेना होगा, जो हर राज्य में अलग-अलग होता है.
उत्तर प्रदेश में शराब रखने की सीमा
यहां आप विदेशी शराब केवल 1.5 लीटर तक रख सकते हैं, जबकि वाइन की सीमा 2 लीटर और बीयर की सीमा 6 लीटर है. गौतम बुद्ध नगर के जिला आबकारी अधिकारी के अनुसार, घर में 6 बोतल शराब और 12 केन बीयर बिना किसी रसीद के रखी जा सकती हैं. वहीं, देशी शराब की सीमा 1 लीटर है, और पाउच में 5 पौवे (200 मिली) रखे जा सकते हैं.
शराब पीने की न्यूनतम आयु
भारत के अलग-अलग राज्यों में शराब पीने की न्यूनतम आयु अलग है. कुछ राज्यों में यह 21 या 25 साल है, जबकि गोवा, राजस्थान, सिक्किम, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में यह उम्र 18 साल है.
अवैध शराब स्टॉक पर सजा
अगर आप नियम से ज्यादा शराब स्टॉक करते हैं, तो आपको सजा या जुर्माना हो सकता है. विभिन्न राज्यों में इसकी सजा अलग-अलग होती है, लेकिन गंभीर मामलों में 10 साल तक की सजा या जुर्माना लगाया जा सकता है. गोवा में इस नियम का उल्लंघन करने पर 7 साल की कड़ी सजा का प्रावधान है.
इसलिए अगली बार घर में शराब पार्टी के उत्साह में कानून का उल्लंघन ना हो जाए, इस बात का हमेशा ध्यान रखें नहीं तो रंग में भंग पड़ सकता है.
Disclaimer
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. जी यूपीयूके इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता.
ये भी पढ़ें: पीएम-सीएम और सांसद ही नहीं, इन लोगों को भी नहीं चुकाना पड़ता टोल टैक्स, जानें किन-किन को छूट