Aditya-L1 Mission: चंद्रयान 3 की सफलता के बाद भारत अब अपने पहले सूर्य मिशन को भी लॉन्‍च कर दिया है. शनिवार को आदित्य-एल1 (Aditya-L1) की सफल लॉचिंग हुई. इसे शनिवार को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से रवाना किया गया. इस मिशन में यूपी और उत्‍तराखंड के वैज्ञानिकों ने अहम योगदान दिया है. तो आइये जानते हैं कौन हैं यूपी के ये सितारे. 


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फतेहपुर के सुमित को मिली अहम जिम्‍मेदारी 
आदित्य-एल1 मिशन की जिम्‍मेदारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रधान वैज्ञानिक शंकरसुब्रमण्यम को दी गई है. इसी मिशन में यूपी और उत्‍तराखंड के वैज्ञानिक भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. यूपी के फतेहपुर के वैज्ञानिक सुमित कुमार ने आदित्य L-1 मिशन के लिए पेलोड तैयार किया है. 


सूर्य की गतिविधियों पर रहेगी नजर 
खागा तहसील के विजयनगर निवासी सुमित कुमार के पिता अर्जुन सिंह ने बताया कि उनका बेटा अभी अहमदाबाद के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर में सेवाएं दे रहा है. इसरो वैज्ञानिक सुमित कुमार ने आईआईए बेंगलुरु के साथ मिलकर विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ नाम से पेलोड तैयार किया है. पेलोड में सात कैमरों का इस्तेमाल किया गया है. इसमें लगे चार कैमरे सूर्य की गतिविधिओं को देखेंगे, वहीं तीन कैमरे L-1 प्‍वाइंट में कणों और क्षेत्रों का अध्ययन करेंगे. 


गोरखपुर के प्रोफेसर ने बनाया टेलीस्‍कोप 
वहीं, गोरखपुर के प्रो. दुर्गेश त्रिपाठी भी इस मिशन का हिस्‍सा हैं. प्रो. दुर्गेश त्रिपाठी इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (आईयूसीएए) पुणे में सोलर फिजिक्स के वैज्ञानिक हैं. प्रो. दुर्गेश त्रिपाठी ने ही सैटेलाइट में लगने वाला प्रमुख टेलीस्कोप तैयार किया है. इस सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप के माध्यम से इसरो सूर्य का अध्ययन करेगा.   


रामपुर के लाल ने तैयार किया सेंसर 
रामपुर के युवा वैज्ञानिक संदीप चौहान चंद्रयान 3 मिशन का हिस्‍सा थे. इसके बाद वह आदित्य L-1 मिशन का भी हिस्‍सा हैं. संदीप चौहान ने इसके व्हीकल बेस की डिजाइन से लेकर सेंसर तक में अहम योगदान दिया है. रामपुर सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर से रिटायर्ड हवलदार चंद्रपाल सिंह चौहान के छोटे बेटे संदीप चौहान ने मिशन चन्द्रयान-1 से इसरो में अपनी पारी की शुरुआत की थी. 


उत्‍तराखंड के दो वैज्ञानिक शामिल 
आदित्य L-1 में नैनीताल स्थित आर्यभट्ठ प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्‍थान के निदेशक डॉ. दीपांकर बनर्जी प्रोजेक्‍ट प्रभारी की जिम्‍मेदारी निभा रहे हैं. वहीं, युवा वैज्ञानिक डॉ. वैभव पंत सहायक प्रोजेक्‍ट प्रभारी की भूमिका में हैं. 


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