लापरवाही से मरीज की मौत पर डॉक्टरों को सजा कम, नए संशोधन विधेयक पर चिकित्सकों को कितनी राहत?
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Bharatiya Nyaya Sanhita Bill: भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक के मुताबिक, अगर किसी डॉक्टर की लापरवाही की वजह से मरीज की मौत होती है तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर को जेल की सजा घटाने का प्रावधान है.
Bharatiya Nyaya Sanhita Bill: गृह मंत्री अमित शाह ने बीते दिन लोकसभा में आपराधिक न्याय प्रणाली से जुड़े तीन नए विधेयक पास किए. इसमें भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम विधेयक शामिल हैं. भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता में डॉक्टरों की लापरवाही पर सजा की कटौती की गई है.
यह होगा परिवर्तन
भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक के मुताबिक, अगर किसी डॉक्टर की लापरवाही की वजह से मरीज की मौत होती है तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर को जेल की सजा घटाने का प्रावधान है. कुल मिलाकर अब इसे गैर इरादतन हत्या नहीं माना जाएगा. अभी तक ऐसी मौतों को गैर इरादतन हत्या माना जाता था. इसमें दो साल की सजा का प्रावधान था.
गैर इरादतन हत्या पर सजा कम होगी
लोकसभा में बुधवार को तीनों नए विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अभी अगर किसी डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत हो जाती है तो उसे गैर इरादतन हत्या माना जाता है, लेकिन डॉक्टरों को इससे मुक्त करने के लिए एक आधिकारिक संशोधन लाया जाएगा. संशोधन में गैर इरादतन हत्या के मामलों में डॉक्टरों की सजा कम करने का प्रावधान है.
इंडियन मेडिकल एसोशिएशन ने लिखा था पत्र
भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता में संशोधन को लेकर अमित शाह ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोशिएशन ने उन्हें एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने इस संबंध में विचार करने को कहा था. अमित शाह ने कहा कि नए विधेयक में गैर इरादतन हत्या जैसे मामलों में सजा कम करने का प्रावधान किया गया है.
ये हैं तीन नए आपराधिक विधेयक
बता दें कि आईपीसी की जगह अब भारतीय न्याय संहिता, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम का कानून बनेगा. आईपीसी में बदलाव के तहत मर्डर की धारा 302 की जगह 101 होगी. जबकि रेप की धारा 375-376 की जगह 63 और 69 होगी. गैंगरेप के आरोपी को 20 साल तक की सजा या जिंदा रहने तक जेल में रखने का प्रावधान है.