अजीत सिंह/जौनपुर : मड़ियाहूं थाना क्षेत्र के नेवादा गांव में गुरुवार बाइक सवार तीन बदमाशों ने आरा मशीन संचालक की गोली मारकर हत्‍या कर दी. पुलिस ने मुख्‍य आरोपी को फौरन गिरफ्तार भी कर लिया. पूछताछ में पता चला कि आरोपी ने 37 साल बाद ताऊ की हत्‍या बदला लेने के लिए आरा मशीन संचालक की हत्‍या की है. 


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यह है पूरा मामला 
दरअसल, मड़ियाहूं थाना क्षेत्र के नेवादा गांव में पल्‍सर सवार तीन बदमाशों ने आरा मशीन संचालक जय प्रकाश सिंह के सीने में गोली मार दी. भाग रहे तीन बदमाशों में से एक को ग्रामीणों ने पकड़ लिया. उधर, जय प्रकाश सिंह को इलाज के लिए अस्‍पताल ले जाया गया, जहां चिकित्‍सकों ने उन्‍हें मृत घोषित कर दिया. 


एनकाउंटर में मुख्‍य आरोपी को लगी गोली 
दिनदहाड़े गोलीकांड से पूरे जिले में हड़कंप मच गया. एसपी डॉ. अजय पाल शर्मा ने दस टीमों का गठन कर दिया. छह घंटे बाद ही पुलिस और मुख्‍य आरोपी अभिषेक यादव का आमना-सामना हो गया. एनकाउंटर में अभिषेक यादव के पैर में गोली लग गई. 


कोर्ट ने कर दिया था बरी 
एसपी अजय पाल शर्मा ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि अभिषेक यादव के ताऊ की 37 साल पहले हत्‍या कर दी गई थी. इसमें मृतक आरा मशीन संचालक जय प्रकाश सिंह के बड़े भाई ओम प्रकाश पर हत्‍या के आरोप लगे थे. बाद में कोर्ट ने बरी कर दिया था.  


लकड़ी चिराई के दौरान हुआ था विवाद 
अभिषेक यादव ने बताया कि 37 साल पुराना खून का बदला लिया हूं. सन 1987 में ताऊ गोपी यादव की चाकू से गोदकर हत्‍या कर दी गई थी. मृतक जयप्रकाश सिंह की आरा मशीन पर लकड़ी की चिराई को लेकर दोनों में विवाद हो गया था. 


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