अब्दुल सत्तार/झांसी: झांसी नवाबाद थाना पुलिस और एसओजी की टीम ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को बेचने वाले गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस की पकड़ में आए सात लोगों में से दो मेडिकल कॉलेज और बाकी निजी अस्पतालों के कर्मचारी हैं, आरोपियों के पास से नकली रेमडेसिविर, उपकरण और दो लाख तीस हजार रुपये बरामद हुए हैं. 


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झांसी पुलिस की गिरफ्त में आये आरोपी जमुना प्रसाद मेडिकल कॉलेज में स्टॉफ, नर्स और मनीष पाल वार्ड वॉय के पद पर तैनात है. सचिन प्रजापति सन्मति प्राइवेट अस्पताल में कम्पाउण्डर है, हिमांशु जैनया नर्सिंग होम में और मानवेन्द्र मानस हॉस्पिटल का कर्मचारी है, वहीं हरेंद्र पटेल मानस हॉस्पिटल में सुपरवाइजर है, इनके अलावा विशाल बिरथरे नाम का आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. 


बताया जा रहा है कि जमुना प्रसाद और मनीष मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज की इलाज के दौरान जब मौत हो जाती थी तो उसके रेमडेसिविर इंजेक्शन को छिपा लेते थे और फिर जरूरतमंद को तीस से चालीस हजार रुपये में बेच देते थे. सचिन ने बताया कि वह रेमडेसिवीर की खाली शीशी में तरल पदार्थ भरकर रेमडेसिविर के नाम पर बेचा करते थे, और उनका साथ विशाल, मानवेन्द्र, हिमांशु और हरेंद्र सहयोग करता था.


पुलिस ने आरोपियों के पास से दो असली रेमडेसिविर, 6 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन, एक अधबना नकली रेमडेसिविर सहित डिस्पोजेबल सिरिंज, प्लास्टिक और कांच की छोटी शीशियां, एंटीजेन कोरोना रैपिड टेस्ट किट सील पैक और दो लाख तीस हजार रुपये की नकदी बरामद की है. एसएसपी रोहन पी कनय ने बताया कि ड्रग की कालाबाजारी को लेकर कई शिकायतें मिल रही थीं, हमने दो तरह का गैंग पकड़ा है, एक गैंग अस्पताल में वेंटिलेटर पर पड़े मरीज का रेमडेसिविर गायब कर बाहर ऊंचे दामों पर बेचता था, दूसरा गैंग रेमडेसिविर की खाली शीशी में स्टीरॉयड और डिस्टिल वाटर भरकर उसे असली बताकर जरूरतमंदों को बेचता था.


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