Up News: उत्तर प्रदेश के कई जिलों, जैसे जालौन, हरदोई, कन्नौज, बांदा, बुंदेलखंड, हमीरपुर, चित्रकूट और फर्रुखाबाद में किसान आलू, गेहूं और मटर की बुवाई के लिए खाद की भारी कमी का सामना कर रहे हैं. इन इलाकों में समय पर खाद न मिलने से किसानों की फसल उत्पादन पर गहरा असर पड़ रहा है. खाद की उपलब्धता न होने से खेती की प्रक्रिया धीमी हो रही है, जिससे किसानों की आय और उनके परिवारों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है. सरकार से उचित वितरण और समर्थन की मांग उठ रही है ताकि किसान समय पर खाद प्राप्त कर सकें.


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जालौन किसानों की रोजी-रोटी पर मंडरा रहा संकट 


किसान दिनभर लंबी-लंबी कतारों में लगने के बाद भी खाली हाथ लौट रहे हैं, जिससे उनकी फसल बुवाई में देरी हो रही है और फसल के समय पर तैयार न होने का डर भी बढ़ता जा रहा है. इस स्थिति में किसान बेहद परेशान हैं और उनकी रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है.


एसडीएम ने पूरे मामले पर क्या कहीं ?
इस मामले पर जब जी मीडिया की टीम ने कोंच की उपजिलाधिकारी ज्योति सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें खाद की कमी की सूचना मिली है. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर जिला कृषि अधिकारी और एआर कोऑपरेटिव से संपर्क किया है, और आश्वासन दिया है कि 26 अक्टूबर तक सभी जगह खाद पहुंचा दी जाएगी.  


इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि शाम तक किसानों को खाद उपलब्ध कराने के लिए त्वरित कार्यवाही की जाएगी और केंद्र बंद होने के मामले में संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.


हरदोई सहकारी समितियों पर खाद की कमी से किसान परेशान
हरदोई जिले में सहकारी समितियों पर खाद की उपलब्धता न होने से किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. खाद केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, क्योंकि डीएपी खाद की रैक अभी तक नहीं पहुंची है. कर्मचारियों का कहना है कि रैक आने के बाद ही खाद का वितरण शुरू हो सकेगा. जिला कृषि अधिकारी सतीश चंद्र पाठक ने जानकारी दी कि रवि की बुवाई नवंबर से शुरू होगी, और अभी अधिकांश क्षेत्रों में धान की कटाई चल रही है. अक्टूबर की मांग को ध्यान में रखते हुए खाद की मांग की गई है.


कन्नौज के किसानों को खाद की कमी से समस्या
कन्नौज जिले के आलू किसानों को खाद की कमी से गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यहां आलू की बुवाई के लिए खाद समय पर और आवश्यक मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही है, जिससे किसान चिंतित हैं. जलालाबाद विकासखंड के किसानों ने बताया कि वे खाद लेने के लिए समितियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन वहां उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। समिति के अधिकारी उन्हें अगले कुछ दिनों में आने के लिए कह रहे हैं, जबकि आलू की बुवाई का सही समय लगभग 10 दिन बाद खत्म हो जाएगा. जिला कृषि अधिकारी आवेश सिंह ने कहा कि खाद का वितरण खतौनी के आधार पर किया जा रहा है, लेकिन किसान की मांग पूरी नहीं हो पा रही है. उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही नई आपूर्ति आएगी, जिससे किसानों की जरूरतें पूरी की जाएंगी.


बांदा में खाद की किल्लत से किसान परेशान
बांदा जिले में खाद की भारी किल्लत के चलते किसान परेशान हैं. इस संकट का विरोध करते हुए किसानों ने बांदा-फतेहपुर राजमार्ग पर जाम लगा दिया, जिससे सैकड़ों वाहन फंस गए। तिंदवारी थाना क्षेत्र में किसानों ने इस स्थिति का सामना करने के लिए सड़क को बाधित किया। ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों की मंडियों में खाद की अनुपलब्धता है. हजारों की संख्या में किसान शहर मुख्यालय की मंडी में पहुंच रहे हैं, स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि किसान आपस में मारपीट करने लगे हैं. आज एसडीएम खुद टोकन बांटने के लिए मौके पर पहुंचे हैं.


रबी की बुआई के लिए किसानों को खाद का वितरण
बुंदेलखंड सहित यूपी के हमीरपुर जिले में रबी की फसलों की बुवाई चल रही है. जिसमें किसान दलहन और तिलहनी फसलों की बुवाई कर रहे हैं. इसके लिए किसानों को सहकारी समितियों में खाद के लिए संघर्ष करना पड़ता है. हाल ही में जी मीडिया की टीम ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर देखा कि साधन सहकारी समिति में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है और इसका वितरण नियमबद्ध तरीके से हो रहा है. हालांकि, कुछ गैर-पंजीकृत छोटे किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि खाद वितरण केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है.


चित्रकूट में खाद न मिलने से एक किसान ने आत्महत्या कर ली 
चित्रकूट जिले में किसानों को फर्टिलाइज़र के लिए भारी संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है. फसल बुवाई के इस मौसम में, खाद की कमी और कालाबाजारी ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है. पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल ने भाजपा सरकार को असंवेदनशील बताते हुए चेतावनी दी है कि किसानों को खाद के लिए आपस में लड़ाई करनी पड़ रही है. किसान दिन-रात एक-एक बोरी खाद के लिए परेशान हैं, जबकि समय पर खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है. हाल ही में एक किसान ने खाद न मिलने पर आत्महत्या कर ली, जिससे स्थिति की गंभीरता और बढ़ गई है.


फर्रुखाबाद में किसानों की समस्या 
फर्रुखाबाद में आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए खाद की कमी बड़ी समस्या बन गई है. यहां के किसान 43,500 हेक्टेयर भूमि पर आलू की खेती करते हैं, लेकिन केंद्रों पर खाद की अनुपलब्धता के कारण उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं. सरकार खाद पहुंचाने का दावा कर रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि किसानों को मार्केट से महंगी दरों पर खाद खरीदनी पड़ रही है. खाद की कमी के कारण आलू की फसल का उत्पादन और गुणवत्ता दोनों प्रभावित हो रहे हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. इससे किसान मानसिक तनाव और चिंता का सामना कर रहे हैं.


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