अपने जिगर के टुकडे की तलाश में मां तो किसी को नहीं मिल रहा अपना बच्चा, तस्वीरों में देखें दर्द में डूबे परिजन

Jhansi Medical College fire: झांसी के लक्ष्‍मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात चिल्‍ड्रन वार्ड (NICU) में भीषण आग लग गई. आग में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. NICU वार्ड आग लगने के बाद खाक में तब्दील हो गया. जिस वार्ड में बच्चे रखे गए थे, उसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं. बच्चों को रखने वाली मशीनें पूरी तरह जलकर खाक हो गई हैं. पूरा वार्ड तहस-नहस हो गया है. लाइटें काटी हुई हैं.

प्रीति चौहान Nov 16, 2024, 09:21 AM IST
1/11

झांसी मेडिकल कॉलेज आग

झांसी मेडिकल कॉलेज के चिल्‍ड्रन वार्ड में शुक्रवार देर रात लगी आग में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. इस हादसे के बाद चीख पुकार मच गई. हादसे पर मुख्यमंत्री योगी ने  संज्ञान लिया है. सीएम योगी के निर्देश पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य झांसी पहुंचे .

 

2/11

NICU में 54 बच्‍चे

घटना के समय NICU में 54 बच्‍चे मौजूद थे. 37  बच्चों का रेस्क्यू किया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट तलब की है. सरकार ने मृतक बच्चों के परिजनों को हर संभव सहायता देने का ऐलान किया है.

 

3/11

झांसी की घटना

झांसी की घटना की जांच के लिए कमिटी बना दी गई है.  सरकार ने मुजावजे का ऐलान किया है. मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे. सीएम ने DIG और मंडलायुक्त को निर्देश दिए है.

4/11

बच्चा वार्ड में 54 बच्चे

मेडिकल कॉलेज के नीकू (एनआईसीयू) वार्ड के 2 कक्ष में 54 नवजात शिशु भर्ती थे.  आग लगते ही वहां धुआं भरने लगा.  सूचना पर पहुंची पुलिस व सेना के जवानों ने अंदर जाने का प्रयास किया, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थी कि वह अंदर नहीं जा सके.  मंजर दिल को दहलाने वाला है. प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ितों ने मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे का खौफनाक मंजर बया किया है।

 

5/11

खिड़की व दरवाजे तोड़ कर निकाले गए बाहर

सेना के जवानों ने वार्ड की खिड़की व दरवाजों को तोड़ा और अन्दर गये। इसके बाद सेना के जवानों ने कुछ बच्चों को बाहर निकाला. अपने बच्चों को परिजन तलाशते नजर आए.

 

6/11

बिलख रहे थे लोग

हादसे के समय अफरा-तफरी मच गई और लोग रो रहे थे और महिलाएं बिलख रही थी. इसी बीच एक दंपति रोते हुए चीखता है. पति चिल्लाते हुए कहता है. 'हमारा बच्चा नहीं मिल रहा है? कहां है कोई तो बता दो...' इतना बोलकर वह फिर से दहाडे मारकर रोने लगता है.

 

7/11

दौड़ लगा रहे थे परिवार

रोने वालों में वह अकेला नहीं है. बहुत से परिजन थे जो बदहवास थे. परिवार झांसी के उस मेडिकल कॉलेज परिसर में इधर-उधर दौड़-भाग कर रहे हैं, जिनके नवजात बच्चों ने अभी दुनिया में कदम रखा ही था कि वो या तो मौत का निवाला बन गए या उसके करीब हैं.

 

8/11

बच्चे का चेहरा तो दिखा दो...

एक प्रसूता, जिसने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया था, उसकी खुद की स्थिति अभी ठीक नहीं है. बहुत कमजोरी की अवस्था में ही बोल पड़ती है. 'हाय मेरा बच्चा, एक बार चेहरा ही दिखा दो...' इतना कहकर वह निढाल हो जाती है, उसका पति उसे संभालता है.

 

9/11

हमारा बच्चा नहीं मिल रहा

हमारा बच्चा नहीं मिल रहा...एक बच्चे की ताई, मीडिया को रोते हुए बताया कि. 'मैं बच्चे की बड़ी मां हूं. हमारा बच्चा नहीं मिल रहा है. अभी 8 दिन पहले ही पैदा हुआ था. उसकी मां भी भर्ती है. कोई कुछ नहीं बता रहा है.' 

 

10/11

जाली तोड़कर बच्चे निकाले गए

एक अन्य पीड़ित का कहना है कि 'वार्ड में बच्चे थे. जब आग लगी तब हम वहीं थे. जाली तोड़कर बच्चे निकाले गए. हमारा बच्चा नहीं मिल रहा है.' जिनके भी बच्चे यहां भर्ती थे, सभी के साथ पहली समस्या ये है कि उनके बच्चे हैं कहां? एक दंपत्ति रोते हुए कहता है कि साहब बच्चा कौन देगा, मेरा बच्चा जला है. 

 

11/11

पत्नी और बच्चा गायब

थाना गरौठा के ग्राम गोरपुरा निवासी कृपाराम की पत्नी शांति देवी को 10 दिन पहले मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था.  उसकी पत्नी की डिलीवरी हुई थी. बच्चा पैदा होने के कुछ समय बाद पत्नी अचानक गायब हो गयी.  कृपाराम अभी पत्नी की तलाश कर ही रहा था कि वार्ड में आग की सूचना पर वह वहाँ भर्ती अपने बच्चे को उठाने भागा, लेकिन बच्चा कहीं नहीं मिला.

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link