ग्रेटर नोएडा के कारोबारी प्रवीण शर्मा और ऊषा शर्मा स्विटजरलैंड टूर पर गए थे. आबूधाबी में फ्लाइट चेंज करते वक्त पुलिस ने प्रवीण को अरेस्ट कर लिया. जांच एवं सुरक्षा एजेंसियों का कहना था कि उनका फेस एक अपराधी के जैसा है. वहीं ऊषा को वापस भारत भेज दिया गया. 48 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है और प्रवीण का अभी कोई अता-पता नहीं है.परिवारजनों ने DM से इस मुद्दे पर मुलाकात की है. जिलाधिकारी ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा है.


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गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी को लिखे पत्र में बताया गया है कि पीड़ित हबीबपुर ग्रेटर नोएडा में सीमेंट और सरिया का कारोबार करता है. वो अंबुजा सीमेंट की ओऱ से प्रायोजित ट्रिप पर एतिहाद एयरवेज की फ्लाइट से स्विट्जरलैंड गए थे. उनका विमान 12 अक्टूबर को आबूधाबी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचा, जहां से उन्हें कनेक्टिंग फ्लाइट लेनी थी. लेकिन वहां यूएई पुलिस, इमिग्रेशन अधिकारियों द्वारा प्रवीण को रोक लिया गया.


सुरक्षा एजेंसियों का कहना था कि उसका चेहरा-मोहरा एक नामी अपराधी से मिलता जुलता है. पीड़ित का पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य पहचान पत्र देखने के बावजूद एजेंसियों ने उसे रिहाई नहीं किया. बल्कि पत्नी को स्वदेश भेजकर प्रवीण को हिरासत में ले लिया. आबूधाबी स्थित भारतीय दूतावास से भी संपर्क साधा गया, लेकिन अभी तक उसे रिहा नहीं किया गया है.


हालांकि कस्टम एंड इमिग्रेशन अथॉरिटी या अन्य एजेंसियां अभी यह नहीं बता रही हैं कि प्रवीण शर्मा कहां औऱ किस हालत में है. जबकि घटना को 4 दिन बीत चुके हैं. इंडियन एंबैसी से भी अभी तक कोई मदद नहीं मिल पाई है. पत्नी उषा और अन्य परिजनों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर प्रवीण के सकुशल भारत वापसी की गुहार लगाई है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. उन्हें अनहोनी की आशंका सता रही है. हालांकि डीएम नोएडा सुहास एलवाई ने पूरी मदद का आश्वासन दिया है. 


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