प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में एक पत्रकार की कथित हत्या से सनसनी फैल गई है. बताया जा रहा है कि एक प्रतिष्ठित हिंदी चैनल में टीवी जर्नलिस्ट सुलभ श्रीवास्तव का शव ईंट-भट्ठे पर संदिग्ध हालत में मिला. घायल अवस्था में सुलभ को जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उनके चेहरे पर चोट के निशान मिले हैं और उन पर हमले की आशंका जताई जा रही है.


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मृतक पत्रकार ने एक दिन पहले ही पुलिस अधिकारियों को पत्र भेज कर अपनी जान को खतरा बताया था. हत्या की आशंका जताने के अगले ही दिन 13 जून को सुलभ कोतवाली के कटरा रोड पर ईंट भट्ठे के पास अर्धनग्न अवस्था में मिले थे. फिलहाल प्रतापगढ़ पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. 


मामले की विधिक जांच की जा रही है-पुलिस
प्रतापगढ़ पुलिस ने एक ट्वीट कर बताया “उक्त घटना के संबंध में घटनास्थल का निरीक्षण किया जा चुका है, मौके पर गवाहों का ब्यान लिया गया है, शव का पंचायतनामा की कार्यवाही कर पोस्टमार्टम हेतु भेजा जा रहा है, अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी स्थानीय पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद हैं, मामले की जांच/विधिक कार्यवाही की जा रही है.” अब तक की जांच के आधार पर पुलिस ने इसे सड़क दुर्घटना का मामला बताया है.



 


नौ जून को चलाई अवैध शराब के कारोबार में लिप्त माफियाओं के संबंध में खबर 
प्रतापगढ़ शहर के स्टेशन रोड पूर्वी सहोदर मोहल्ले के रहने वाले 45 वर्षीय सुलभ श्रीवास्तव एक न्यूज़ चैनल के संवाददाता थे. उन्होंने 12 जून को एडीजी प्रयागराज को पत्र भेजकर अपनी जान पर खतरा जताया था. उन्होंने पत्र में यह जिक्र किया था कि नौ जून को उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर अवैध शराब के कारोबार में लिप्त माफियाओं के संबंध में खबर चलाई थी, जिस पर उन्हें धमकी मिली. 


सुलभ रविवार देर शाम  लालगंज कोतवाली क्षेत्र में एटीएस द्वारा अवैध असलहा कारखाने का भंडाफोड़ किए जाने की खबर का कवरेज करने गए थे. रात को वहां से लौटते समय रात करीब 10:30 बजे नगर कोतवाली क्षेत्र के सुखपाल नगर के पास संदिग्ध परिस्थितियों में वह बाइक समेत सड़क पर घायल अवस्था में पाए गए. 


पत्रकार मौत के मामले में सियासत तेज
वहीं इस मामले पर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि-शराब माफिया अलीगढ़ से प्रतापगढ़ तक पूरे प्रदेश में तांडव करें. यूपी सरकार चुप, यपी सरकार चुप. पत्रकार सच्चाई उजागर करे, प्रशासन को खतरे के प्रति आगाह करे. सरकार सोई है. क्या जंगलराज को पालने-पोसने वाली यूपी सरकार के पास पत्रकार सुलभ के परिजनों के आसुंओं का कोई जबाव है. उधर, पत्रकार की मौत को लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने निशाना साधा है. संजय सिंह ने इसे हत्या करार दिया है. 



बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब, संदिग्ध परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश में किसी पत्रकार की मौत हुई हो. पिछले साल भी उन्नाव में पत्रकार सूरज पांडेयलकी संदिग्ध मौत मामले में नामजद एसआई सुनीता चौरसिया, सिपाही अमर सिंह को निलंबित कर दिया गया था.


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