कानपुर: कानपुर डाक विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां प्रधान डाकघर ने अंतरराष्ट्रीय डॉन छोटा राजन और यूपी के कुख्यात अपराधी मुन्ना बजरंगी का डाक टिकट जारी कर दिया. यह टिकट 'माय स्टाम्प' योजना के तहत छापे गए. लापरवाही इस बात की भी सामने आई है कि दोनों के नाम से जारी इन डाक टिकटों के पहले उनके बारे में कोई जानकारी नहीं जुटाई गई और न ही फोटो मैच किया गया.


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डाक विभाग के द्वारा छोटा राजन के नाम वाले 5 रुपये के 12 डाक टिकट जारी किए. वहीं इतनी ही संख्या में कुख्यात अपराधी और मुख्तार अंसारी के गुर्गे रहे मुन्ना बजरंगी के नाम से टिकट जारी किए गए हैं. इसके लिए बाकायदा 600 रुपये की फीस भी ली गई. 


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मामले की जांच कराने की बात
जब हंगामा हुआ तो पोस्ट मास्टर ने टका सा जवाब दिया कि व्यक्ति को डाक टिकट बनवाने के लिए खुद आना पड़ता है. वेबकैम के सामने फोटो खिंचवाई जाती है, या फिर स्कैन कराया जाता है. विभाग की ओर से किसी माफिया का डाक जारी करने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है. हालांकि उन्होंने माना कि अगर ऐसा हुआ है तो मामले की जांच कराई जाएगी. 


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राजन को बताया राजेंद्र एस निखलजे, बजरंगी बना प्रेम प्रकाश
एक राष्ट्रीय अखबार के संवाददाता ने उन सभी औपचारिकताओं का पालन किया जो डाक टिकट बनवाने के लिए जरूरी होती हैं. इसके बाद उसने पोस्ट ऑफिस में मुन्ना बजरंगी फोटो दिखाते हुए प्रेम प्रकाश बताया और छोटा राजन को राजेंद्र एस निखलजे. पूछा गया कि ये दोनों कौन तो उसने जवाब दिया कि परिचित हैं. इतने से सवाल-जवाब में डाककर्मी संतुष्ट हो गया और निर्धारित राशि जमा करने को कहा. इसके कुछ दिन बाद छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी के नाम से 5 रुपये के 12-12 टिकट छाप दिए गए. 


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मोदी सरकार ने लॉन्च की थी स्कीम
केंद्र की मोदी सरकार ने लोगों को किसी खास व्यक्ति को यादों में समेटने के लिए उनके नाम से डाक टिकट छपवाने की स्कीम शुरू की थी. नाम था 'माय स्टाम्प'. इसके लिए सरकार ने कीमत भी तय की थी. 12 टिकटों के लिए 300 रुपये देकर कोई भी व्यक्ति अपने या परिजनों के नाम से टिकट छपवा सकता है. ये अन्य डाक टिकटों की तरह ही मान्य होते हैं. इन्हें लेटर पर चिपका देश के किसी भी कोने में डाक भेजे जा सकते हैं.


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