कानपुर : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सली हमले के बलिदानी सीआरपीएफ जवान शैलेंद्र की शादी तीन महीने पहले सात मार्च को सचेंडी के किसान नगर की रहने वाली कोमल के साथ हुई थी. रविवार दोपहर ही शैलेंद्र ने अपनी पत्नी कोमल को फोन कर बताया था कि वह सात जुलाई को अपने घर आएगा. हालांकि अब वह कभी नहीं आएगा. 


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शादी के तुरंत बाद ड्यूटी
दरअसल महाराजपुर के नौगवां गौतम गांव के रहने वाले शैलेंद्र शादी के तुरंत बाद ड्यूटी पर वापस सुकमा चले गए थे. तब से वह अपनी पत्नी से फोन के जरिए संपर्क किया करता था. रविवार को ही दोनों की फोन पर बात हुई थी. एक दूसरे का हाल-चाल जानने के बाद मिलने की बात हुई तो शैलेंद्र ने फिर से कुछ ही दिन में छुट्टी पर घर आने की बात कही थी. किसी को क्या पता था कि शैलेंद्र खुद नहीं उनका पार्थिव शरीर वापस आएगा.


शैलेन्द्र बहुत मिलनसार था
वही गांव के लोग आपस मे बातचीत कर रहे थे कि शैलेन्द्र बहुत मिलनसार थे. शैलेंद्र ने वायदा किया था कि इस बार साथ कहीं घूमने जाएंगे. किसी ने यह नहीं सोचा था कि अपने उस दोस्त को कांधा देना पड़ेगा. आपको बता दें कि शैलेंद्र तीन भाइयों में सबसे छोटे थे. शैलेंद्र से बड़े भाई सुशील की चार वर्ष पहले सर्प दंश से मौत हो चुकी है. मंझले भाई नीरज अपनी पत्नी काजल के साथ रहते हैं. बहन मनोरमा की शादी हो चुकी है और वह अपने ससुराल में रहती थी. 


शव छत्तीसगढ़ से लखनऊ प्लेन से आएगा
शैलेंद्र ने शुरुआती शिक्षा सिकटिया गांव के दौलत सिंह इंटर कॉलेज से और इंटरमीडिएट प्रेमपुर जन शिक्षण इंटर कॉलेज से की. शैलेंद्र के बलिदानी होने की खबर मिलते ही मां बिजला बेहोश हो गई. रिश्तेदारों ने संभाला तो वह बेटे को पुकारते हुए घर की दहलीज पर पहुंची और फिर गश खाकर गिर गई. परिजनों का कहना है कि मंगलवार को शैलेंद्र का शव छत्तीसगढ़ से लखनऊ प्लेन से आएगा. वहां से परिजन शव लेकर गांव आएंगे, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा. वहीं इस घटना के बाद आज सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी मौके पर पहुँच कर घर को सांत्वना दी.