Kanungo Salary: घर खरीदना हो या बेचना, इससे पहले तहसील का चक्‍कर लगाना पड़ जाता है. तहसील का चक्‍कर लगाने के दौरान कई अधिकारियों से मुलाकात होती है. इनमें से एक है कानूनगो. वैसे तो कानूनगो तहसील का सबसे छोटा कर्मचारी होता है, लेकिन उसकी पावर एसडीएम से कम नहीं होती है. कई मामलों में कानूनगो की रिपोर्ट अहम होती है. तो आइये जानते हैं कानूनगो की सैलरी और अधिकार. 


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क्‍या होता है कानूनगो का पद?
पहले जान लेते हैं कानूनगो होता क्‍या है. दरअसल, कानूनगो राजस्‍व विभाग का कर्मचारी होता है. उसे राजस्व निरीक्षक या रेवन्यू इंस्पेक्टर भी कहा जाता है. राजस्व निरीक्षक या कानूनगो लेखपाल से बड़ा पद होता है. कानूनगो की भूमिका काफी हद तक सुपरवाइजर की होती है. लेखपाल जो भी रिकॉर्ड ले जाता है, कानूनगो उसे चेक करके अपनी मुहर लगाता है. कई बार कानूनगो भी जमीन के नाप-जोख का काम करता है. कुल मिलाकर पावर के मामलों में कानूनगो तहसीलदार से भी बड़ा साबित हो सकता है. 


कैसे बनते हैं कानूनगो? 
राजस्व निरीक्षक या कानूनगो के पद पर दो तरह से भर्ती होती है. पहली उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से कानूनगो के पदों पर भर्ती निकाली जाती है. दूसरा लेखपाल को ही प्रमोशन देकर कानूनगो बनाया जाता है. यूपीएसएसएससी के जरिए भर्ती होने के लिए सबसे पहले पीईटी परीक्षा पास करनी होती है. इसके बाद मुख्य परीक्षा में शामिल होना होता है. इसके लिए उम्मीदवारों को ग्रेजुएट होना चाहिए.


कानूनगो को कितनी मिलती है सैलरी
जानकारी के मुताबिक, उत्‍तर प्रदेश में कानूनगो का वेतनमान 5200-20,200+ग्रेड पे 2800/- रुपये है. इसके साथ ही कई तरह के भत्‍ते भी मिलते हैं. कानूनगो को पेंशन और पीएफ की भी सुविधा मिलती है. इसमें मकान किराया भत्ता, यात्रा भत्ता, चिकित्सकीय सुविधाएं, पेंशन आदि शामिल हैं. इसके अलावा महंगाई भत्ता, टेलीफोन-मोबाइल कनेक्शन, इंटरनेट सुविधा भी शामिल हैं. 


कौन होता है लेखपाल का बॉस
तहसील स्तर पर राजस्व विभाग का सबसे बड़ा आधिकारी तहसीलदार होता है. इसके नीचे नायब तहसीलदार होता है. यह तहसीलदार/नायब तहसीलदार और पटवारी के बीच की कड़ी कानूनगो होता है. इस तरह लेखपाल से बड़ा कानूनगो होता है.



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