काशी में संतों की अपील, हिंदुओ की संपत्ति वापस दें, नहीं तो जिस तरह से अयोध्या ली है वैसे ही ले लेंगे
संतों ने मुस्लिम समाज से अपील की कि जो हिंदुओ की संपत्ति है, उसे दे दें, नहीं तो जिस तरह से अयोध्या ली है, वैसे ही ले लेंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए अगर मुस्लिम समाज (Muslim) नहीं मानेगा तो आंदोलन किया जाएगा.
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद अब कथित तौर पर वाराणसी (Varanasi) के काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) की 'मुक्ति' के लिए साधु-सन्तों ने आवाज उठाई है. अखिल भारतीय संत समिति ने मुस्लिम समाज से आग्रह किया है कि उनके पास हिंदुओं की जो भी संपत्ति है, उसे लौटाकर भाईचारा की मिसाल पेश करें.
राजधानी लखनऊ में लगेगी पहली वेयरहाउसिंग इकाई, सरकार की मंजूरी
संतों ने की मुस्लिम समाज से अपील
समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन संतों ने कहा कि यदि अनुराग से बात नहीं बनी तो हमारे सामने कोर्ट और आंदोलन के भी विकल्प मौजदू हैं. मीडिया से बात करते हुए संतों ने मुस्लिम समाज से अपील की कि जो हिंदुओ की संपत्ति है, उसे दे दें, नहीं तो जिस तरह से अयोध्या ली है, वैसे ही ले लेंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए अगर मुस्लिम समाज (Muslim) नहीं मानेगा तो आंदोलन किया जाएगा.
बैठक में दो प्रस्ताव पेश
दुर्गाकुंड स्थित हनुमानप्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय में संत समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की चल रही बैठक में रविवार को समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने दो प्रस्ताव पेश किए.
संतों ने किए बाबा विश्वनाथ के दर्शन
संत सम्मेलन के शुरू होने से पहले रविवार सुबह भारतीय संत समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन संतों ने बाबा विश्वनाथ (Baba Vishwanath) के दरबार में माथा टेककर बाबा के कॉरिडोर को देखा.
मोदी और योगी को दिया धन्यवाद
संतों ने भव्य कॉरिडोर को देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी को धन्यवाद दिया. इसके साथ ही संतों ने काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुक्ति के संकेत दिए. भारत का संत समाज आज बहुत गौरवांवित है. इसके अलावा संतों ने हिंदू बहन-बेटियों को लव जेहाद से बचाने के लिए प्रदेश सरकार के धर्मांतरणरोधी अध्यादेश का भी समर्थन किया.
ये संत हुए थे सम्मिलित
बता दें कि सम्मेलन में ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती, संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविचल दास, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानन्द गिरि, स्वामी धर्मदेव, महन्त कमलनयन दास, महामंडलेश्वर अनंतदेव गिरि,स्वामी देवेंद्रानन्द गिरि, महामण्डलेश्वर जनार्दन हरि, महामण्डलेश्वर स्वामी मनमोहनदास, स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती, महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत, पातालपुरी मठ के बालक दास आदि लोग मौजूद रहे.
सूर्यास्त के बाद कभी भी पड़ोसियों को भूलकर भी न दें ये दो चीजें, हो जाएंगे कंगाल
WATCH LIVE TV