Kedarnath Assembly Election Result 2024 Today: केदारनाथ विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव के नतीजे आज आएंगे. यहां अगला विधायक कौन होगा, इसका फैसला आज हो जाएगा. उपचुनाव के नतीजे आज आने हैं और 8 बजे मतगणना जारी है. इस सीट पर मुकाबला बीजेपी की आशा नौटियाल और कांग्रेस के मनोज रावत के बीच माना जा रहा है.


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बीजेपी की आशा नौटियाल 450 वोटों से आगे
केदारनाथ सीट पर अंतिम राउंड की गिनती में बीजेपी ने काफी बढ़त बना ली है. केदारनाथ सीट पर ताजा रुझानों की बात करें तो बीजेपी की आशा नौटियाल कांग्रेस प्रत्‍याशी मनोज रावत से आगे हैं. केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव की मतगणना 


चुनावी इतिहास - उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ विधानसभा सीट, केदारनाथ मंदिर से जुड़े होने के कारण ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्व रखती है. यह सीट गढ़वाल लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है और 2000 में राज्य के गठन के बाद से उत्तराखंड की राजनीति में दिलचस्पी का विषय रही है. तब से, इस सीट पर मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस के बीच प्रतिद्वंद्विता देखी गई है.


भाजपा का दबदबा: विकास और केदारनाथ क्षेत्र के धार्मिक महत्व पर ध्यान केंद्रित करने के कारण भाजपा ने ऐतिहासिक रूप से इस सीट पर अच्छा प्रदर्शन किया है. वहीं कांग्रेस एक महत्वपूर्ण दावेदार रही है, जो अक्सर योजनाओं और बुनियादी ढांचे के विकास के वादों के साथ मतदाताओं को आकर्षित करती है. कांग्रेस उम्मीदवारों ने अक्सर क्षेत्र में भाजपा के शासन से असंतोष को टारगेट किया है.


उम्मीदवार - भाजपा विधायक शैलारानी रावत का जुलाई में निधन हो जाने के कारण केदारनाथ विधानसभा सीट खाली हो गई थी. अब इस रिक्त सीट पर उपचुनाव हो रहा है, जिसमें भाजपा की आशा नौटियाल और कांग्रेस के मनोज रावत सहित कुल छह उम्मीदवार मैदान में हैं. हमेशा की तरह, इस बार भी केदारनाथ सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही देखने को मिल रहा है. 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में, भाजपा की शैला रानी रावत और कांग्रेस के मनोज रावत प्रमुख उम्मीदवार थे.


इस बार कितनी हुई वोटिंग - जिला निर्वाचन अधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि वर्तमान में केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में कुल 90,875 मतदाता हैं. इस बार के उपचुनाव में 2022 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 8.79 प्रतिशत कम मतदान हुआ है. केदारनाथ सीट पर इस बार 57.64 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में 66.43 प्रतिशत और 2017 में 64.94 प्रतिशत मतदान हुआ था.


जीत के फैक्टर या समीकरण - केदारनाथ मंदिर अपने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण मतदाताओं का महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित करता है. राजनीतिक दल अक्सर मंदिर के जीर्णोद्धार, पर्यटन को बढ़ावा देने और धार्मिक बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करते हैं. यहां 2013 केदारनाथ आपदा ने राजनीतिक विमर्श को नया रूप दिया है. उम्मीदवारों और उनकी पार्टियों की क्षेत्र के पुनर्निर्माण के लिए प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने की क्षमता निर्णायक कारक रही है. मतदाता बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार को प्राथमिकता देते हैं. व्यावहारिक विकास एजेंडे वाले उम्मीदवारों को पसंद किया गया है.