Kedarnath temple in Delhi: दिल्ली में प्रतीकात्मक रूप से भगवान केदारनाथ मंदिर निर्माण के शिलान्यास को लेकर विवाद भूमि पूजन के बाद से ही खड़ा हो गया है. केदारनाथ धाम से लेकर केदारघाटी के लोगों में विरोध स्वर उठने शुरु हो गए हैं. पुरोहितों से लेकर स्थानीय लोगों और कारोबारियों ने दिल्ली में केदारनाथ के मंदिर निर्माण के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. बद्रीनाथ धाम के शंकराचार्य अवि मुक्तेश्वरनंद के साथ धाम के मुख्य पुजारी भी इसका विरोध कर रहे हैं. मामला बढ़ता देख बीजेपी का संगठन सरकार के पक्ष में है तो वहीं कांग्रेस ने भी बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों ने प्रदर्शन कर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं.


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दिल्ली में किया था भूमि पूजन
बता दें कि उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 10 जुलाई को दिल्ली के बुराड़ी में बनने जा रहे श्री केदारनाथ मंदिर का भूमि पूजन किया था. इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि दिल्ली में बाबा केदार के मंदिर के निर्माण से शिव भक्तों की मनोकामना पूरी होगी. इस मंदिर से बाबा के भक्तों और सनातन संस्कृति की आस्था को बल मिलेगा. सीएम ने कहा कि बुराड़ी की पावन धरती पर उत्तराखंड और सनातन संस्कृति के मूल परिचायक बाबा केदारनाथ का धाम हमारी संस्कृति और आस्था का आधुनिक प्रतीक बनेगा


मंदिर बन रहा है, न कि धाम-बुराड़ी (दिल्ली) के अध्यक्ष सुरिंदर रौतेला
दिल्ली में बनने वाले केदारनाथ मंदिर को लेकर बढ़ते विवाद को देखकर  श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी (दिल्ली) के अध्यक्ष सुरिंदर रौतेला ने इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बन रहा है, न कि धाम. इसका निर्माण ट्रस्ट करा रहा है और इसका उत्तराखंड सरकार का कोई लेना-देना नहीं है.  मुख्यमंत्री केवल हमारे निमंत्रण पर मंदिर का शिलान्यास करने आए थे.


सनातन और वैदिक परंपरा का अपमान-केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी 
दिल्ली में केदारनाथ मंदिर को लेकर केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि हिन्दू परंपराओं के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया जा रहा है. इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने  सरकार के इस फैसले को शीघ्र वापस लेने की मांग की है. इसके साथ ही कहा कि अगर, ऐसा नहीं हुआ तो देश में बड़ा आंदोलन होगा. सीएम धामी चारधाम यात्रा में भी गढ़वाल-कुमाऊं की राजनीति कर रहे हैं, ये सरासर गलत है. यह हिंदू आस्था के साथ सनातन और वैदिक परंपरा का अपमान है. 


इसकी धार्मिकता को खराब नहीं किया जाना चाहिए- केदारनाथ के मुख्य पुजारी
केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने भी इसका विरोध किया है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम साक्षात हिमालय में बसा हुआ है. इसका अपना महत्व है. ऐसे में दिल्ली में जाकर केदारनाथ मंदिर का शिलान्यास करना धर्म के लिए अहित है. केदारनाथ मंदिर का महत्व और अखंडता बनी रहनी चाहिए


मामले को दिया जा रहा है तूल-अजेंद्र अजय 
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा है कि दिल्ली में बनने वाले मंदिर से न तो मंदिर समिति का कोई लेना-देना है और न ही सरकार का. कांग्रेस के नेता बिना वजह मामले को तूल दे रहे हैं.कुछ विधायकों और दिल्ली वाले मंदिर के ट्रस्ट के कहने पर सीएम धामी ने मंदिर का शिलान्यास किया था.यदि संबंधित संस्था केदारनाथ धाम के नाम का दुरूपयोग करती है या इसके नाम पर चंदा लेती है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.