Khatauli Upchunav Result 2022: आज खतौली में उपचुनाव की मतगणना है. हिंसा भड़काने के एक मामले में भाजपा विधायक विक्रम सैनी को सजा सुनाए जाने के बाद खाली हुई खतौली सीट पर 5 दिसंबर को वोटिंग हुई थी. खतौली उपचुनाव में भाजपा और सपा-रालोद-आसपा गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. आज यानी 8 दिसंबर को तय हो जाएगा कि रालोद अपना गढ बचाने में कामयाब रही है या भाजपा का दबदबा कायम रहेगा. खतौली सीट पर भाजपा ने निवर्तमान विधायक विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को ही मैदान में उतार रखा है, वहीं, रालोद ने मदन भैया को अपना प्रत्‍याशी बनाया है.  


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बसपा ने बिगाड़ा सियासी समीकरण 
खतौली सीट को जानकार महज उपचुनाव के तौर पर नहीं देख रहे, बल्कि सपा और भाजपा के किलों को बचाने और ढहने के तौर पर देख रहे हैं. ऐसा इसलिए है कि रालोद के गढ में पिछले दो बार से भाजपा ने सेंध लगा रखी है. वहीं, जाटलैंड कही जाने वाली खतौली सीट पर बसपा ने अपना प्रत्‍याशी न उतार कर सियासी समीकरण और उलझा दिया है. आजाद समाज पार्टी और उसके नेता चंद्रशेखर आजाद रालोद के साथ हैं. ऐसे में नतीजे चौंकाने वाले और नजदीकी हार-जीत वाले सामने आने का अनुमान लगाया जा रहा है. 


क्‍या कहते हैं पुराने आंकड़े 
बता दें कि 2017 में भाजपा ने भाजपा ने तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य विक्रम सैनी को अपना प्रत्‍याशी बनाया था तो करीब 31 हजार वोटों से जीत मिली थी. वहीं, साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान की जीत में खतौली की अहम भूमिका रही. इसके बाद 2022 के मुख्य चुनाव में विक्रम सैनी 16 हजार वोटों से जीतकर दूसरी बार विधायक चुने गए. हालांकि तब बसपा ने अपना प्रत्‍याशी उतारा था. वहीं, इस बार बसपा का प्रत्‍याशी चुनाव मैदान में नहीं है. ऐसे में आज तय हो जाएगा कि सपा रालोद का यह प्रयोग कितना कामयाब रहा और दलितों ने कितना साथ दिया.