लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की जांच 9 बिंदुओं पर कर रही है. जिसे लेकर गांव वाले जानकारी विभागीय वेबसाइट या फिर फोन पर दे सकते हैं. सबसे पहले विकास दुबे के खिलाफ दर्ज मामलों पर हुई कार्रवाई के स्टेटस को जांचा जा रहा है. साथ ही गैंगस्टर के गुर्गों पर हुई कार्रवाई का ब्यौरा भी खंगाला जा रहा है. विकास दुबे की अलग-अलग जमानतों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई, इसकी भी जांच हो रही है.


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SIT उन पुलिसकर्मियों पर भी शिंकजा कसने जा रही है, जिन्होंने विकास दुबे की मदद की क्योंकि गैंगस्टर के खिलाफ कितनी जन शिकायतें आई और उनपर चौबेपुर की पुलिस, अधिकारियों की क्या भूमिका रही, इसे भी जांचा जा रहा है. विकास दुबे और उसके सहयोगियों के खिलाफ गैंगेस्टर,  गुंडा एक्ट पर कितनी कार्रवाई हुई ये भी जांच का विषय है.


गैंगस्टर और उसके सहयोगियों की एक साल की सीडीआर भी जांची जा रही है. काली कमाई से अर्जित की गई अकूत संपत्ति भी एसआईटी के रडार पर है. साथ ही गैंगस्टर की सरकारी और निजी संपत्तियों पर किए गए कब्जे और इसमें पुलिस की क्या भूमिका रही, ये भी जांच के दायरे में है. घटना के दिन अभियुक्तों के पास कौन से हथियार थे और घटना में क्या पुलिस की ओर से भी लापरवाही बरती गई, इसकी भी जांच हो रही. साथ ही विकास दुबे के सहयोगियों, पुलिसकर्मियों की संलिप्तता और फाइनेंसर की संपत्तियों को भी खंगाला जा रहा है.


SIT ने 20 से 24 जुलाई तक गांव के लोगों को कानपुर कांड से जुड़े साक्ष्य देने के लिए कहा है. इस संबंध में एसआईटी के हेड संजय आर भूसरेड्डी ने यूपी सूचना विभाग को पत्र लिख, अनुरोध किया है कि लोगों तक जानकारी को पहुंचाया जाए.