Kumbh Mela 2025: महाकुंभ की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. मेला क्षेत्र में हर एक चीजों का ध्यान रखा जा रहा है. साफ सफाई से लेकर सुरक्षा तक के हर इतंजाम चाक-चौबंद किए जा रहे हैं. मेला प्रशासन की कोशिश है कि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई भी दिक्कतों का सामना न करना पड़े. इसके लिए हर संभव कोशिश की जा रही है.


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प्रशासन है पूरी तरह से मुस्तैद


जिस मेले में इतनी बड़ी संख्या में लोग आएंगे वहां गंदगी तो लाजमी है. लेकिन गंदगी और शौच मुक्त बनाने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है. मेला प्रशासन की कोशिश है कि महाकुंभ में आए हुए श्रद्धालु खुले में शौच न करें. इसके लिए हजारों शौचालय की व्यवस्था की गई है.


खुले में शौच से मुक्त कराना है पहला लक्ष्य


4000 हेक्टेयर में फैले मेला क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त कराना प्रशासन के लिए बड़ा लक्ष्य है. पूरे मेला क्षेत्र में आधुनिक शौचालय, ठोस एवं तरल कचरे के प्रबंधन की आधुनिक तकनीक और शैली अपनाई जाएगी. इसके लिए हजारों स्वच्छाग्राही स्वंयसेवकों को मिशन से जोड़ा जाएगा.


इतने शौचालय का हुआ है निर्माण


श्रद्धालुओं के लिए एक लाख साठ हजार शौचालय बनवाए गए हैं. इसके अलावा हजारों डस्टबिन जगह-जगह रखे गए हैं जिससे कि मेला में पैदा हुए अपशिष्ट पदार्थों को उसमें डालकर जमा किया जाए. इसके अलावा 40 कॉम्पेकटर्स और 150 टिपर गाड़ियों से मेला क्षेत्र और नदियों को प्रदूषण के साथ-साथ गंदगी से मुक्त बनाने की ठोस योजना रखी गई है.


नदियों में दूषित पानी को गिरने से रोकने की योजना


इसके अलावा पवित्र नदियों में नाले के प्रदूषित पानी को गिरने से रोकने की भी योजना प्रशासन की ओर से बनाई गई है. प्रशासन की योजना है कि शौचालय की सफाई से लेकर मेला क्षेत्र की गंदगी तुरंत हटाने के लिए महाकुंभ मेला 2025 ऐप क्यूआर कोड आधारित सिस्टम तैयार किया गया है.


ग्रिन एनर्जी पर जोर


इसके अलावा महाकुंभ में पहली बार ई-रिक्शा, पिंक व्हीकल और ग्रीन एनर्जी पर जोर दिया जा रहा है. इसके अलावा इस बार के कुंभ में सिंगल यूज प्लास्टिक पर भी सरकार की पैनी नजर है. महाकुंभ मेला क्षेत्र को प्लास्टिक प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर हरित ऊर्जा यानी की ग्रीन एनर्जी पर बल दिया गया है.