Kumbh Mela 2025: महाकुंभ का मेला 13 जनवरी से इस साल प्रयागराज में शुरू होने जा रहा है. यहां सबसे पहले 13 जनवरी के दिन नागा साधुओं के द्वारा शाही स्नान किया जाएगा.  बड़ी संख्या में नागा साधु कुंभ मेले में आते हैं. नागा साधु केवल कुंभ के दौरान ही दिखते हैं हालांकि, बाकी समय ये एकांतवास करते हैं. क्या आपके दिमाग में नहीं  आता होगा कि ये सभी आधुनिक सुविधाओं से दूर रहते हैं और फिर कैसे इन तक कुंभ की जानकारी पहुंचती है. कैसे पता चलता है इनको. इस मौके पर हम आपके लिए लेकर आए हैं, महाकुंभ पर आधारित ये खास क्विज यानी आपकी जनरल नॉलेज के बारे में जानते हैं. देखते हैं कि आप कुंभ को कितना जानते हैं.  


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प्रयागराज में 144 साल बाद पूर्ण महाकुंभ क्यों? कुंभ मेला के इन 10 सवालों का क्या आप जानते हैं जवाब


1- सवाल: कैसे चलता है कुंभ का पता?
जवाब: दरअसल नागाओं के सभी 13 अखाड़ों के कोतवाल महाकुंभ से काफी पहले महाकुंभ की तिथि और स्थान की जानकारी देना शुरू कर देते हैं. 


2- सवाल: कौन देता है सूचना 
जवाब: कोतवाल के द्वारा स्थानीय साधुओं को इसकी सूचना दी जाती है. इस सूचना के बाद श्रृंखला बनती रहती है और धीरे-धीरे दूर-दूर के इलाकों में साधना कर रहे नागा साधुओं तक भी यह सूचना पहुंच जाती है.  


3- सवाल: फिर क्या करते हैं नागा साधू?
जवाब: इसके बाद नागा साधु उस स्थान की ओर कूच करना शुरू कर देते हैं, जहां महाकुंभ लगने वाला है. 


4-सवाल: क्या नागाओं के पास होती हैं सिद्धियां?
जवाब: कुछ लोग ये भी मानते हैं कि नागा साधुओं को योग सिद्धियां मिली हैं. ऐसे में नागा साधुओं को ग्रह-नक्षत्रों की चाल से ही महाकुंभ की तिथि और स्थान का पता लग जाता है.


5- सवाल: क्या धुनि का रहस्य जानते हैं?
जहां भी नागा साधु डेरा डालते हैं वहां धुनि अवश्य जलाते हैं.  इस धुनि को बेहद पवित्र माना जाता है. धुनि के कई नियम भी हैं.  धुनि की आग को साधारण आग नहीं माना जाता. 


6 -सवाल: किस मुहूर्त में जलाते हैं धुनि?
यह सिद्ध मंत्रों के प्रयोग से सही मुहूर्त में जलाई जाती है. धुनि जलाने का एक नियम यह भी है कि नागा साधु बिना गुरु के आदेश या सानिध्य के धुनि नहीं जला सकता. 


7- सवाल: धुनि के लिए क्या है खास नियम?
जवाब: एक बार धुनि जलने के बाद, धुनि जलाने वाले नागा साधु को उसके पास ही रहना पड़ता है. कहने का मतलब है कि जलती हुई धुनि को अकेला नहीं छोड़ा जाता है. 


8- सवाल: नागा साधुओं का चिमटा क्यों होता है?
जवाब:नागा साधुओं के पास जो चिमटा होता है, वो भी केवल इसीलिए होता है कि, धुनि की आग को व्यवस्थित किया जा सके. नागा साधुओं का मानना है कि इस पवित्र धुनि के पास बैठकर अगर नागा साधु कोई बात बोल दे तो वो पूरी अवश्य होती है. जहां भी ये अपना डेरा जमाते हैं वहां धुनि अवश्य जलाते हैं.


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9-सवाल: क्या है नागा साधुओं के निर्वस्त्र रहने का रहस्य?
जवाब: नागा साधुओं को आपने भी अवश्य देखा होगा. ये हमेशा निर्वस्त्र रहते हैं.  इसके पीछे नागा साधु जो तर्क देते हैं वो यह है कि, इंसान दुनिया में निर्वस्त्र ही आया है.  प्राकृतिक रूप से व्यक्ति को संसार में रहना चाहिए, इसीलिए नागा साधु वस्त्र नहीं पहनते. 


10-सवाल: कैसे ढालते हैं अपने को नागा?
जवाब: ऐसा भी कहते हैं कि वस्त्र धारण करने से उनकी साधना में भी विघ्न पड़ता है. अगर साधु वस्त्रों के माया जाल में ही फंसा रहेगा तो उसके कारण काफी समय खराब होगा.  यह वजह भी है कि नागा साधु कभी वस्त्र धारण करना पसंद नहीं करते.  वो प्राकृतिक रूप में रहकर आसानी से हर कार्य को करते हैं. योग करके नागा साधु अपनी देह को इतना मजबूत कर देते हैं कि, हर परिस्थिति और जलवायु में वो निर्वस्त्र जी सकते हैं. 


10-  13 जनवरी 2025 से महाकुंभ
 13 जनवरी 2025 से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ लगने वाला है, जिसका समापन 26 फरवरी 2025 को होगा. इस दौरान साधु-संत और लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचकर त्रिवेणी संगम पर आस्था की डुबकी लगाते हैं और आत्म शुद्धि प्राप्त करते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UPUK इसकी पुष्टि नहीं करता है.


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