Mahakumbh stampede 2025: कैसे फेल हुआ क्राउड मैनेजमेंट का AI सिस्टम? जानें मौनी अमावस्या पर भगदड़ की 5 बड़े कारण!
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Mahakumbh stampede 2025: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर संगम नोज पर भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई. महाकंभ में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तैयारी का दावा करते रहे लेकिन जरा सी चूक के कारण हादसा हो गया. आखिर ये सिस्टम कैसे फेल हुआ होगा. आइए जानते हैं.
Mahakumbh stampede 2025: महाकुंभ के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दिन रात 1.30 मिनट पर संगम नोज पर भीड़ का दबाव अधिक होने पर भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई. भगदड़ की वजह चेंजिंग रूम का श्रद्धालुओं पर गिरना भी बताया जा रहा है. इसके अलावा भी कई कारण सामने आ रहे हैं जिसके कारण ये हादसा हुआ. महाकुंभ हादसे पर सीएम योगी ने जांच के आदेश दे दिए हैं. अब प्रयागराज की सीमाएं खोल दी गई हैं. आइए जानते हैं इस हादसे के मुख्य पांच कारण.
संगम हादसे के पांच कारण
महाकुंभ के दूसरे और सबसे बड़े पर्व मौनी अमावस्या पर ब्रह्ममुहूर्त से र्पू्व मंगलवार की देर रात लगभग डेढ़ बजे संगम नोज पर भगदड़ मच गई. हादसे में घायल 90 श्रद्धालुओं को अस्पताल भेजा गया। इनमें 30 की मौत हो गई. जब प्रशासन ने आठ से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान खुद ही लगाया था तो उसके इंतजाम व्यापक स्तर पर होने चाहिए थे.
1- निकासी-प्रवेश का वन-वे प्लान हुआ फेल
हर स्नान के लिए वन वे प्लान बनाया गया था. यानी काली सड़क से त्रिवेणी बांध पार कर संगम अपर मार्ग से श्रद्धालु संगम नोज जाएंगे और अक्षयवट मार्ग से त्रिवेणी बांध के रास्ते त्रिवेणी मार्ग से बाहर निकालना था. लेकिन यह प्लान यहां पर फेल होते दिखा. कम लोग अक्षयवट मार्ग पर गए. वहीं संगम अपर मार्ग पर लोगों का आना-जाना बना रहा.
2- पांटून पुलों को बंद रखने के कारण बेकाबू भीड़
मेला क्षेत्र में 30 पांटून पलों का निर्माण इसलिए किया गया कि लोगों का आवागमन सुगम हो जाए. लेकिन 12 से 13 पांटून पुलों को बंद रखा गया. इसलिए झूंसी की ओर से अगर कोई संगम आता है तो कई किलोमीटर उसे चलना होता है. ज्यादातर बुजुर्ग यात्री थक जाते हैं जो संगम नोज पर काफी देर बैठ जाते हैं. जिसके चलते संगम पर भीड़ जमा होती रही.
3- होल्डिंग एरिया से संगम की ओर भेजे गए लाखों श्रद्धालु
भीड़ को कंट्रोल करने के लिए 84 होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं. जिनका इस्तेमाल कम ही किया गया होगा. वहीं काली मार्ग पार्किंग और अन्य स्थानों पर जब श्रद्धालु मंगलवार रात में बैठे थे तो उन्हें रात आठ बजे के बाद ही संगम की तरफ भेजना शुरू कर दिया गया. ऐसे में संगम पर रेला रात नौ बजे से उमड़ा जो अमृत स्नान के लिए बैठा रह गया.
4- सेक्टर नंबर 10 में ठहरी सीआईएसएफ की कंपनी
राहत और बचाव कार्य के लिए तमाम बल तैनात रहे. लेकिन सभी को अलग-अलग सेक्टरों में नहीं बसाया गया. सीआईएसएफ की कंपनी को सेक्टर नंबर 10 में ठहराया गया. जब ये हादसा हुआ तब कंपनी को बुलाया गया पर सेक्टर तीन तक आने में काफी समय लग गया. जिसके चलते स्थिति थोड़ा और खराब हो गई.
5- इसलिए बिगड़े हालात
महाकुंभ में बहुत सड़कें बनाई गईं और खूब चौड़ा किया गया, लेकिन उन सड़कों को ज्यादातर समय बंद रखा गया. कई प्रमुख मार्गों पर बैरिकेडिंग कर दी गई. लोगों को काफी चलना पड़ रहा था. लोग थक जा रहे थे और संगम किनारे पहुंचकर बैठ गए. भीड़ यहां पर बढ़ती चलती गई. यह भी संगम पर भीड़ रहने का कारण बना.