कुंभ मेला क्षेत्र के घरों में मेहमान बनकर रहेंगे तीर्थयात्री, होटल-धर्मशाला फुल होने की नो टेंशन
Mahakumbh 2025 News: प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में साधु संतों के अलावा करोड़ों तीर्थयात्रियों के लिए तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इन्हीं में से एक पेइंगगेस्ट की सुविधा भी है, ताकि किसी को भी इधर-उधर भटकना न पड़े और उनके लिए कुंभ मेला यादगार बन जाएगा.
Mahakumbh 2025 News in Hindi:उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में 40 करोड़ के करीब श्रद्धालु आने की संभावना है. इसके लिए कुंभ मेला क्षेत्र में जमीन आवंटित की गई है. लेकिन इसके अलावा भी तीर्थयात्रियों के लिए ठहरने का खास इंतजाम किया जा रहा है. कुंभ मेला क्षेत्र में संगम नगरी के आसपास के इलाकों के घरों में तीर्थयात्री मेहमान बनकर रहेंगे. इसके लिए पेइंग गेस्ट सुविधा शुरू की जा रही है. स्थानीय लोगों को पेइंग गेस्ट सुविगदा उपलब्ध करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
50 मकान का रजिस्ट्रेशन पूरा
अब तक 50 मकानों को बतौर पेइंगगेस्ट फैसिलिटी के लिए रजिस्टर किया गया है. प्रयागराज कुंभ मेला के प्रभारियों ने कम से कम दो हजार पीजी फैसिलिटी का लक्ष्य रखा है. क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय में सिर्फ 50 रुपये का चालान भरकर लाइसेंस का आवेदन किया जा सकता है. इससे महाकुंभ में श्रद्धालुओं को घर जैसा अनुभव मिलेगा. जबकि स्थानीय लोगों की आय बढ़ेगी.आवेदकों को तीर्थयात्रियों के साथ अच्छे व्यवहार, साफ-सफाई और मेहमाननवाजी के गुर भी सिखाए जाएंगे. पर्यटन विभाग ने इसके लिए टोलफ्री और वॉट्सएप नंबर भी जारी किए हैं.
रजिस्ट्रेशन के साथ ट्रेनिंग
बड़ी संख्या में प्रयागराज निवासी पर्यटन विभाग के जरिये अपना रजिस्ट्रेशन कराकर ट्रेनिंग ले रहे हैं. ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए टोल फ्री नंबर और व्हाट्सएप नंबर जारी किया गया है. श्रद्धालुओं को महंगे होटल की बजाय पेइंग गेस्ट की बेहतर सुविधा मिलेगी.
2000 पेइंग गेस्ट का टारगेट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुरूप स्थानीय लोगों को भी महाकुंभ के महाभियान में भागीदार बनाया जा रहा है. पर्यटन विभाग फिलहाल 2000 मकानों में पेइंग गेस्ट सुविधा तैयार करेगा. पेइंग गेस्ट यानी PG में श्रद्धालुओं को रहने और खाने की सुविधा मिलती है. अच्छ प्रतिक्रिया मिली तो इसकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है.
मात्र 50 रुपये में रजिस्ट्रेशन
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने कहा कि स्थानीय लोग जिनके पास खुद का मकान है, वो इससे जुड़ सकते हैं. क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय से महज 50 रुपये का चालान फॉर्म भरकर जमा करना होगा. इसमें कमरों के फोटो और नगर निगम को टैक्स की रसीद लगानी होगी. पर्यटन विभाग का वेरिफिकेशन होगा. फिर पर्यटन विभाग की ओर से लाइसेंस जारी होगा. मकान मालिक पेइंग गेस्ट सुविधा दे सकते हैं. जिन मकानों को पेइंग गेस्ट का लाइसेंस जारी होगा. उनकी लिस्ट मेला प्रशासन की वेबसाइट और एप पर भी प्रदर्शित होगी. वहां से भी पर्यटक और श्रद्धालु पेइंग गेस्ट फैसिलिटी के लिए कांटैक्ट कर पाएंगे.
तीन साल के लिए मान्य होगा लाइसेंस
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी के अनुसार पेइंग गेस्ट का लाइसेंस 3 साल के लिए मान्य होगा. एक घर में कम से कम दो और ज्यादा से ज्यादा पांच कमरे का रजिस्ट्रेशन होगा. लाइसेंसधारकों को पर्यटन विभाग की ओर से स्पेशल ट्रेनिंग मिलेगी. उन्हें श्रद्धालुओं और पर्यटकों के साथ अच्छे बर्ताव का ध्यान रखना होगा. बेहतर सेवा, साज-सजावट के साथ मरम्मत का ख्याल रखना होगा. सुरक्षा और भोजन का बेहतर इंतजाम साफ सफाई के साथ करना होगा.
न कोई फीस, न कोई टैक्स
पेइंग गेस्ट सुविधा देने वाले मकानमालिकों को कोई सालाना फीस या टैक्स नहीं भरना होगा. होटल-गेस्टहाउस के मानकों या एनओसी का झंझट भी नहीं होगा.सिर्फ जमीन का मालिकाना हक और हलफनामा लगाकर लाइसेंस लिया जा सकेगा. किराया भी मकान मालिक ही तय करेगा. इसमें पर्यटन विभाग का कोई दखल नहीं देगा.
हेल्पलाइन नंबर जारी
हेल्पलाइन -05322408873
वॉट्सएप नंबर- 9140398639
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