महाकुंभ में कैसे करें कल्पवास, क्या सावधानी बरतें, कुंभ मेला प्रशासन ने जारी की अहम गाडइलाइन
प्रयागराज महाकुंभ 2025 को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. कुंभ मेला में लोग कल्पवास भी करते हैं. इसका खास महत्व होता है. कल्पवास के दौरान व्यक्ति निश्चित समय तक विशेष नियमों का पालन कर साधना करता है.
प्रयागराज महाकुंभ 2025 तैयारी
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में आने वाले करोड़ों भक्तों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर योगी सरकार तैयारियों में जुटी हुई है. सरकार के इस प्रयास को सफल बनाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं.
जिला प्रशासन ने किया आगाह
महाकुंभ में श्रद्धालु कल्पवास भी करते हैं. ऐसे लोगों के लिए काम की खबर है. महाकुंभ को लेकर जिला प्रशासन ने यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कई चीजों को लेकर आगाह किया है.
इन चीजों का रखें ध्यान
श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि दिन में यहां का पारा 9 डिग्री और रात के समय यह 2 डिग्री तक गिर सकता है. इसलिए पहले से इसको लेकर तैयार रहें और सावधानी बरतें.
गर्म कपड़े साथ लाएं
यात्रा करने से पहले रहने की जगह तय कर लें. यहां अपने खाने पीने का खास ख्याल रखें और सर्दी को देखते हुए साथ में गर्म कपड़े रखकर जरूर लाएं.
डाउनलोड कर लें ये एप
इसके अलावा महाकुंभ मेला एप और मौसम की जानकारी को लेकर SACHAT और MAUSAM एप को मोबाइल में डाउनलोडर कर लें.
बुजुर्गों को ये सलाह
जिला प्रशासन ने बुजुर्गों को भी सर्द मौसम को लेकर अलर्ट किया है. जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है. वह हेल्थ चेकअप पहले से करा लें. इसके अलावा हार्ट पेशेंट, श्वास रोगी, डायबिटीज पेशेंट भी खास ध्यान रखें.
साथ रखें ORS
संगम यात्रा के समय ज्यादा पैदल चलना पड़ सकता है, ऐसे में अपने साथ ORS घोल साथ में रखें. कल्पवास के समय खुले में दूषित खाने-पीने की चीजों को खाने से बचें.
यहां करें संपर्क
कोई भी दिक्कत होने पर महाकुंभ हेल्पलाइन नंबर 1920, डायल 112 और आपदा हेल्पलाइन नंबर 1077 पर कॉल कर संपर्क कर सकते हैं.
एप से बुक कर सकेंगे ई रिक्शा और ई ऑटो
प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर लोकल ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने के लिए ओला और उबर की तर्ज पर एप के माध्यम से ऑनलाइन ई रिक्शा और ई ऑटो बुकिंग की सुविधा का भी लाभ मिलने जा रहा है.
चलेंगी एक्ट्रा बस और ट्रेनें
सरकार ने श्रद्धालुओं को प्रयागराज लाने के लिए 7,000 से अधिक रोडवेज बसों और 550 शटल बसों के संचालन का निर्णय लिया गया है, जबकि रेलवे भी करीब 1,000 अतिरिक्त ट्रेनों के साथ ही कुल 3 हजार ट्रेनें चलाने जा रहा है.