Mahakumbh 2025: महाकुंभ स्नान के लिए सबसे नजदीक घाट कहां? मौनी अमावस्या पर जाने वालों के लिए जरूरी खबर

29 जनवरी को मौनी आमवस्‍या है. इस दिन करोड़ों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने वाले हैं. ऐसे में पुलिस-प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन का अहम प्लान बनाया है. आइए जानते हैं महाकुंभ स्नान के लिए सबसे नजदीक घाट कहां हैं?

पूजा सिंह Jan 27, 2025, 15:30 PM IST
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Mahakumbh 2025: महाकुंभ के तीसरे शाही स्‍नान मौनी अमास्‍या को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. माना जा रहा है कि मौनी अमावस्‍या पर 5 से 10 करोड़ श्रद्धालु स्‍नान करने महाकुंभ आ सकते हैं. ऐसे में भीड़ को देखते हुए गंगा-यमुना के घाटों को तैयार किया जा रहा है.

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भीड़ प्रबंधन का प्लान

वहीं, पुलिस-प्रशासन ने भी भीड़ प्रबंधन का अहम प्लान बनाया है. अगर आप भी मौनी अमावस्‍या पर महाकुंभ जा रहे हैं तो जान लें यहां स्नान के लिए सबसे नजदीक घाट कहां है? ताकि आप आराम से स्‍नान कर सकें. 

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संगम क्षेत्र

संगम क्षेत्र वह स्‍थान है, जहां एक तरफ मां गंगा और दूसरी तरफ से यमुना का मिलन होता है. महाकुंभ में स्‍नान का सबसे प्रमुख स्‍नान स्‍थल है. महाकुंभ पहुंचे अधिकांश श्रद्धालुओं की इच्‍छा होती है कि वह संगम स्‍नान करें. मान्‍यता है कि संगम में डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पाप धुल जाते हैं. 

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त्रिवेणी संगम

त्रिवेणी संगम वह स्थान है, जहां तीन पवित्र नदियां- जैसे गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती मिलती हैं. इस घाट को त्रिवेणी के नाम से जाना जाता है. महाकुंभ के दौरान इस घाट पर स्नान खास करने के लिए हजारों भक्त आते हैं, यह घाट सबसे पवित्र घाटों में से एक माना जाता है.

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कितनी दूरी?

प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन से संगम घाट लगभग 7-8 किलोमीटर दूर है. आप यहां टैक्सी या शेयरिंग ऑटो से आसानी से पहुंच सकते हैं. संगम घाट के पास ही राम घाट है. राम घाट से संगम घाट की दूरी मात्र 3 मिनट की है. आसानी से चलकर भी पहुंचा जा सकता है. 

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हांडी फोड़ घाट

हांडी फोड़ घाट प्रयागराज के सबसे पुराने घाटों में से एक है. इस घाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का रंग इसे और भी खास बनाता है. अगर आप शांत लहरों को देखना और नदियों की मधुर ध्वनि को सुनना चाहते हैं तो हांडी फोड़ घाट पहुंच‍ें. यह घाट आपके लिए बहुत सुखद रहने वाला है.

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केदार घाट

महाकुंभ का केदार घाट भगवान शिव को समर्पित है. महाकुंभ में केदार घाट पर स्नान करने विशेष महत्व है. यहां स्‍नान के बाद भगवान शिव की पूजा की जाती है. शिव भक्तों के लिए केदार घाट बेहद खास है. 

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बलुआ घाट

बलुआ घाट पर ज्‍यादातर शहर के लोग पहुंचते हैं. साथ ही यहां साधु-संतों का भी जमावड़ा लगता है. बलुआ घाट का वातावरण ध्यान और योग के लिए प्रसिद्ध है. साधु संत ध्‍यान और प्रवचन के लिए इसी घाट का चयन करते हैं. खास बात यह है कि यह घाट भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों से दूर है.

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अरैल घाट

अरैल घाट यमुना नदी के किनारे स्थित घाटों में से एक है. नैनी इलाके के इस घाट पर शाम के समय भारी भीड़ जुटती है. इस घाट के पास ही महादेव का सोमेश्वर महादेव मंदिर भी है. जहां शाम के समय में लोग दर्शन करने जाते हैं. इस घाट पर गंगा नदी में स्नान करने के लिए जाते हैं. अरैल घाट से संगम घाट सड़क मार्ग द्वारा लगभग आधे घंटे की दूरी पर है. 

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सरस्‍वती घाट

सरस्‍वती घाट भी यमुना नदी के किनारे स्थित घाटों में से एक है. सरस्‍वती घाट के पास ही प्रयागराज का फेमस मनकामेश्‍वर मंदिर है. इस घाट के पास मुगल शासक अकबर का किला भी है. नाव से आप घाट के किनारे भ्रमण भी कर सकते हैं. 

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