राम-सीता और पांडवों ने संगम में लगाई डुबकी, रामायण और महाभारत में कुंभ मेला का उल्लेख

Mahakumbh Mela 2025: कुंभ का इतिहास भगवान राम के काल से जुड़ा है. धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि उस समय पर भी कुंभ का स्नान होता था. इतना ही नहीं महाभारत ग्रंथ में भी इसका वर्णन है.

प्रीति चौहान Wed, 04 Dec 2024-1:00 pm,
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महाकुंभ मेला 2025

महा कुंभ मेला 2025 के आस्था, संस्कृति, और आत्मशुद्धि का अद्वितीय पर्व होने की संभावना है. प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर आयोजित इस महापर्व में शामिल होकर लाखों श्रद्धालु आध्यात्मिक ऊर्जा और जीवन का नया दृष्टिकोण प्राप्त करेंगे. 

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सदियों पुरानी आस्था का केंद्र

कुंभ मेला भारतीय परंपरा और आस्था का प्रतीक है, जो विश्व भर के लोगों को प्रेरित करता है. क्या आप जानते हैं कि कुंभ मेला कुछ सालों का नहीं बल्कि सदियों पुराना है.

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भारतीय महाकाव्यों में उल्लेख

कुंभ मेला आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ भारतीय परंपरा में अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसका उल्लेख भारतीय महाकाव्यों में पाया जाता है.

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रामायण और महाभारत

जी हाँ, कुंभ मेला का उल्लेख रामायण और महाभारत दोनों महाकाव्यों में मिलता है. रामायण में कुंभ मेले का ज़िक्र किष्किंधा कांड और अयोध्या कांड में मिलता है. 

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प्रसिद्ध धार्मिक मेला

 यह मेला हिन्दू धर्म का अद्वितीय और प्रसिद्ध धार्मिक मेला है जो हर तीन सालों पर चार वेदियों (प्रयाग, हरिद्वार, नशिक और उज्जैन) में भारत में आयोजित किया जाता है.

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किष्किंधा कांड में उल्लेख

रामायण में, कुंभ मेला का उल्लेख किष्किंधा कांड में होता है जब भगवान श्रीराम, सीता, और लक्ष्मण वनवास के दौरान ऋषि भरद्वाज के आश्रम में आते हैं. उन्हें कुंभ मेला के समय उज्जैन जाने की सलाह दी जाती है. 

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अयोध्या कांड

 अयोध्या कांड में, राज्याभिषेक की तैयारी के दौरान, राम और सीता वनवास से आए भटकते शिष्यों से मिले थे. जो वहां कुंभ मेले के लिए आए हुए होते हैं.

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महाभारत में उल्लेख

महाभारत में, कुंभ मेला का उल्लेख वन पर्व में होता है. यह मेला पांडवों के वनवास के दौरान आयोजित होता है.

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महाभारत में, कुंभ मेले का ज़िक्र

ऐसा कहते हैं कि भगवान कृष्ण ने अर्जुन को कुंभ मेले में भगवान शिव के धनुष को तोड़ने के लिए भेजा था. 

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पांडवों के वनवास के दौरान Kumbh

 ऐसा भी कहा जाता है कि यह मेला पांडवों के वनवास के दौरान आयोजित किया गया था. पांडवों का गुरुद्रोणाचार्य के आश्रम में नागराज कुंभ का दर्शन करने का संकल्प बनता है.

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डिस्क्लेमर

यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं.कंटेंट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.  इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।

 

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