अखिलेश-मायावती ने यूपी में दिया 38-38 सीटों का फॉर्मूला, कांग्रेस गठबंधन से बाहर
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मायावती जी का अपमान मतलब मेरा अपमान होगा. मायावती बोलीं, `केंद्र में बीजेपी को नहीं आने देंगे.`
लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने आज साझा प्रेस काफ्रेंस की. इसमें मायावती ने ऐलान किया कि उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 38 पर बसपा और 38 पर सपा लड़ेगी. साथ ही 2 सीटें अन्य पार्टियों के लिए रिजर्व रखी गई हैं. इसके अलावा अमेठी और रायबरेली की 2 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी हैं.
मायावती ने कहा है कि अमेठी और रायबरेली की लोकसभा सीट कांग्रेस के साथ गठबंधन किए बिना ही पार्टी (कांग्रेस) के लिए छोड़ दी हैं. ताकि बीजेपी के लोग कांग्रेस अध्यक्ष को यहीं उल्झा कर ना रख सकें. वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी की सरकार ने यूपी में जातिवादी सरकार बनाकर रख दिया है.
कांग्रेस और बीजेपी पर हमला
मायावती ने कहा '25 साल बाद सपा और बसपा का गठबंधन बना है. आज यह प्रेस कांफ्रेंस पीएम मोदी और अमित शाह की नींद उड़ाएगी.' उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता बीजेपी से त्रस्त आ गई है. इसलिए हमने गठबंधन कर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. जिससे किसी भी कीमत पर बीजेपी को केंद्र या राज्य की सत्ता पर आने से रोका जा सके.' उन्होंनेे कहा कि कांग्रेस के समय घोषित इमरजेंसी लगी थी, जबकि BJP के राज में अघोषित इमरजेंसी लगी हुई है. उन्होंंने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन केंद्र में BJP को नहीं आने देगा.
कांग्रेस गठबंधन से बाहर
मायावती ने कांग्रेस को शामिल न करने पर कहा 'हमने गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया है. कांग्रेस पार्टी को हम जैसी पार्टियों से अच्छा फायदा मिलता है, लेकिन हम जैसी ईमानदार पार्टिेयों को इसका लाभ नहीं मिल पाता. हमारा वोट प्रतिशत कम हो जाता है. वोट ट्रांसफर हो जाता है. हमारी पार्टी कांग्रेस पार्टी की तरह किसी भी अन्य, ऐसी पार्टी से मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी जिससे हमारा नुकसान हो.'
मायावती जी का अपमान मेरा अपमान : अखिलेश
अखिलेश यादव ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी से अगर हमें दो कदम पीछे भी हटना पड़ेगा तो हम हटेंगे और बीजेपी को कड़ा जवाब देंगे. आदरणीय मायावती का सम्मान मेरा सम्मान है और अगर कोई भी मायावती जी का अपमान करता है तो वो मेरा अपमान होगा. हमें संयम और धैर्य से काम लेना है. बीजेपी के हर षड्यंत्र को बेकार करना है.
प्रेस कांफ्रेंस के लिए होटल पहुंचे अखिलेश यादव और मायावती एक-दूसरे से गर्मजोशी से मिले. दोनों ने एक-दूसरे को गुलदस्ता देकर स्वागत किया. हाल ही में दोनों दलों के नेताओं ने दिल्ली में मुलाकात कर लोकसभा चुनावों में महागठबंधन के स्वरूप पर चर्चा की थी.
उपचुनाव में मिली थी जीत
2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 80 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने 73 सीटें जीती थीं और इस बार उसके नेता 73 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं. बसपा-सपा और रालोद ने साथ मिलकर उपचुनाव लड़ा था जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सीट और उप मुख्यमंत्री की फूलपुर सीट से सपा प्रत्याशियों को जीत मिली थी. जबकि कैराना सीट पर रालोद प्रत्याशी ने भाजपा से यह सीट छीनी थी.
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अखिलेश का वार
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि सपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मिलकर लोकसभा चुनाव में जीत का परचम लहराएंगे. उन्होंने कहा कि पिछले साल लोकसभा उप-चुनाव में हम साथ आए तो प्रदेश के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री की सीट पर भाजपा चुनाव हार गई. इस बार भी हमारा गणित सटीक बैठेगा और भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ेगा. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश शुक्रवार को कन्नौज में ई-चौपाल में लोगों को संबोधित कर रहे थे.