गाजियाबाद में अतुल गर्ग क्या वीके सिंह का तोड़ पाएंगे रिकॉर्ड या डॉली शर्मा बनेंगी जिले की महिला सांसद
Ghaziabad Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में गाजियाबाद सीट पर भी वोट डाले जाएंगे. बीते तीन चुनाव से यहां बीजेपी का कब्जा है. बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने के लिए कांग्रेस और बसपा ने जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है.
Ghaziabad Lok Sabha seat Election 2024: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में गाजियाबाद सीट पर भी वोट डाले जाएंगे. बीजेपी ने यहां से सिटिंग सांसद वीके सिंह की जगह अतुल गर्ग को टिकट दिया है. सपा-कांग्रेस गठबंधन से डॉली शर्मा चुनाव लड़ रही हैं. नंदकिशोर पुंडीर को बसपा ने प्रत्याशी बनाया है. 2019 में यह सीट बीजेपी के खाते में गई थी जब वीके सिंह रिकॉर्ड वोटों से जीते थे. लेकिन इस बार पार्टियों के प्रत्याशी ही नहीं बदले हैं, बल्कि सियासी समीकरणों ने भी करवट ली है.
बीजेपी ने विधायक को दिया टिकट
बीजेपी ने गाजियाबाद से अतुल गर्ग को प्रत्याशी बनाया है. अतुल गर्ग दो बार विधायक और स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. 2017 में बसपा प्रत्याशी सुरेश बंसल और 2022 में सपा के विशाल शर्मा को गर्ग ने करीब 1 लाख वोटों से हराया था. उनकी गिनती बीजेपी के बड़े नेताओं में होती है. भाजपा ने उनको गाजियाबाद से सिटिंग सांसद जनरल वीके सिंह का टिकट काटकर प्रत्याशी बनाया है.
कांग्रेस से डॉली शर्मा मैदान में
सपा-कांग्रेस गठबंधन कोटे से यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है. कांग्रेस ने इस सीट से ब्राह्मण चेहरे डॉली शर्मा को प्रत्याशी बनाया है. डॉली शर्मा 2019 में भी चुनाव लड़ चुकी हैं लेकिन तब वह तीसरे नंबर पर रही थीं. डॉली शर्मा की गिनती युवा कांग्रेस नेताओं में होती है. 2017 में राजनीतिक पारी शुरू करने वाली डॉली शर्मा निकाय चुनाव भी लड़ चुकी हैं लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था. वह कई प्रदेश में कांग्रेस की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं.
नंदकिशोर पर बसपा का दांव
बसपा ने गाजियाबाद से नंदकिशोर पुंडीर को प्रत्याशी बनाया है. पहले पार्टी ने यहां से अंशय कालरा को टिकट दिया था. पुंडीर इससे पहले मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद वह बसपा में शामिल हो गए.
जनरल वीके सिंह का टिकट काटकर वैश्य समाज से आने वाले अतुल गर्ग को टिकट देने पर कई राजपूत संगठनों ने बीजेपी का विरोध किया. बसपा ने यहां से राजपूत प्रत्याशी उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. बता दें इस सीट पर राजपूत वोटरों की अच्छी पैठ है. साथ ही ब्राह्मण वोटर भी निर्णायक भूमिका में है, इसी को देखते हुए कांग्रेस ने महिला और ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगाया है.
जातीय समीकरण
जातीय समीकरण की बात करें तो यहां करीब मुस्लिम वोटर करीब 5.5 लाख, राजपूत 4.7 लाख, ब्राह्मण 4.5 लाख, एससी 4.5 लाख, बनिया 2.5 लाख के अलावा करीब 1.25 लाख जाट वोटर हैं.
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