I.N.D.I.A Seat Sharing: इंडिया गठबंधन का जहाज आगानी लोकसभा चुनाव से पहले डूबता नजर आ रहा है. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रस से राज्य में सीटों के बंटवारे को लेकर साफ मना कर दिया है. पश्चिम बंगाल के बाद पंजाब से आप ने भी इंडिया गठबंधन को झटका दे दिया है. पंजाब से भगवत मान से साफ तौर पर कहा कि आप पंजाब में अकेले चुनाव लड़ेगी. गठबंधन में पड़ती इन दरारों से माना जा रहा है कि क्या यूपी में अखिलेश यादव भी इंडिया गठबंधन को झटका दे सकते हैं.  


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मोदी सरकार और एनडीए के खिलाफ बने इंडिया गठबंधन में अब पश्चिम बंगाल के बाद पंजाब में भी दरार पड़ती दिख रही है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को साफ कर दिया है कि आम आदमी पार्टी राज्य में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि पंजाब में 13-0 का गठबंधन होगा क्योंकि आप पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर लडेगी. पंजाब के सीएम भगवत मान का यह बयान इसलिए भी अहम है कि पिछले हफ्ते 19 जनवरी को आप ने संकेत दिया था कि वह गोवा से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छुक है. पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उनका दल विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों के साथ तटीय राज्य में एक सीट को लेकर बातचीत कर रहा है.


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दीदी ने दिखाए तेवर
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस में किसी से बात नहीं की है. उनका यह बयान तब आया जब एक दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने असम में कहा था कि सीटों के बंटवारे पर टीएमसी के साथ बातचीत चल रही है. बनर्जी ने पूर्वी बर्द्धमान के लिए रवाना होने से पहले पत्रकारों से कहा, ‘मैंने सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस में किसी से बात नहीं की है.' उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस को अपने दम पर 300 सीटों पर चुनाव लड़ने दीजिए. क्षेत्रीय दल एकजुट हैं और बाकी सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, हम उनके (कांग्रेस) किसी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे.’ गौरलब है कि टीएमसी, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) 28 विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा हैं.


क्या अखिलेश भी दिखा सकते हैं तेवर
लोकसभा सीटों के लिहाज से आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश पर सबकी नजरें हैं. इंडिया गठबंधन में चल रही खटपट के बाद सबके मन में सवाल है कि क्या यूपी में अखिलेश भी अकेले लड़ने की राह पकड़ सकते हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि यूपी में कांग्रेस की 25 लोकसभा सीटों की डिमांड है. प्रदेश में 80 लोकसभा सीटें हैं. कांग्रेस सीट शेयरिंग के लिए  2009 के लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन को आधान बनाना चाहती है और सपा 2019 के लोकसभा चुनाव  और 2022 के विधानसभा चुनाव के आधार पर सीट शेयरिंग चाहती है. अखिलेश यादव पहले ही साफ कर चुके हैं कि सपा 65 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, और गठबंधन सहयोगियों को और जयंत चौधरी को 15 सीटों पर चुनाव लड़ना होगा. अब यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि कौन अपनी सीट शेयरिंग को लेकर पीछे हटता है.