Kaushambi News: समाजवादी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फ‍िर अपमानजनक टिप्‍पणी की है. कौशांबी पहुंचे सपा नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि रामभद्राचार्य को राम मंदिर जाना चाहिए था, लेकिन वह अस्‍पताल पहुंच गए. हालांकि, इससे पहले सपा नेता को कौशांबी में विरोध का भी सामना करना पड़ा था. हिन्‍दू संगठन के नेताओं ने नारेबाजी करते हुए काले झंडे दिखाए. 


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राष्ट्रपति को मंदिर जाने से रोका गया 
दरअसल, सपा नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य रविवार को कौशांबी पहुंचे थे. वह यहां आयोजित चतुर्थ राष्ट्रीय बौद्ध कार्यक्रम में बतौर मुख्‍य अतिथि शामिल हुए. इस दौरान सपा नेता ने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है, लेकिन हमारे देश में राष्ट्रपति को मंदिर जाने से रोक दिया गया, क्योंकि वह आदिवासी समाज से हैं. इतना ही नहीं सपा नेता ने कहा कि इससे पहले साल 2017 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी राजस्थान के पुष्कर मंदिर जाने से रोक दिया गया था, क्योंकि वह दलित थे. 


देश को गुलाम करना चाहते हैं 
वहीं, अखिलेश यादव द्वारा सरकारी बंगला खाली करवाने पर गंगा जल छिड़का जाता है. सपा नेता ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले लोग इस देश को गुलाम करना चाहते है. देश को बांटना चाहते हैं. बाबा साहेब के संविधान को ये खत्म करना चाहते है, इसलिए 5 किलो 10 किलो राशन पर वोट देने वाले सतर्क रहें. 


फीस वृद्धि पर बोला हमला 
भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि फीस में वृद्धि इसलिए की गई कि आपका बेटा बेटी पढ़ने न पाएं, ताकि आपका बेटा कुछ बन न पाए. सरकार ऐसे लोगों के लिए विश्‍वकर्मा योजना चला रही है. 


सरकार स्‍वामी प्रसाद मौर्य से डर रही 
हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा काला झंडा दिखाए जाने पर सपा नेता ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्या डबल इंजन सरकार पर भारी पड़ रहे हैं. इसीलिए सत्ता पक्ष के लोग मुझे काला झंडा दिखा रहे हैं, क्योंकि भाजपा को डर है कि उनका खटिया खड़ी बिस्तर गोल कोई कर सकता है तो वह स्वामी प्रसाद मौर्या कर सकते हैं. 


आडवाणी को भारत रत्‍न देने पर सरकार की सराहना 
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि रामभद्राचार्य को राम मंदिर जाना चाहिए था, लेकिन वह बीमार होने के बाद अस्पताल पहुंच गए. इसका मतलब विज्ञान सच है. वहीं, भाजपा के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी को भारत रत्‍न दिए जाने पर सरकार की सराहना की है. राम मंदिर के उद्घाटन अवसर पर रामलला के प्रकरण के नायक आडवाणी को नहीं पूछा गया. शायद इस भूल को सुधारने के लिए भारत सरकार ने आडवाणी को भारत रत्न सम्‍मान दिया.