अखिलेश यादव कन्नौज से नहीं इस सीट से लड़ सकते हैं चुनाव, चाचा शिव पाल के इनकार के बाद अटकलें तेज!
UP Politics: पिछले दिनों खबर आई थी कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज से चुनाव लड़ सकते हैं. सूत्रों की मानें तो चाचा शिव पाल यादव के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने से मना करने के बाद सपा अध्यक्ष दो जगह से चुनाव लड़ सकते हैं.
UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में सियासत गरमा गई है. अखिलेश यादव ने मायावती को लेकर हमला बोला तो बसपा सुप्रीमो ने सपा अध्यक्ष को खरी-खरी सुना दी. पिछले दिनों खबर आई थी कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज से चुनाव लड़ सकते हैं. रविवार को खबरें आई कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एक बार फिर से आजमगढ़ से चुनाव लड़ सकते हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने आजमगढ़ से ही चुनाव लड़ा था.
सूत्रों की मानें तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 2024 का चुनाव आजमगढ़ के साथ-साथ कन्नौज से भी लड़ सकते हैं. अखिलेश यादव आजमगढ़ से बीते लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर चुके हैं. एक बार फिर आजमगढ़ से लड़ना पक्का है, हालांकि, यह भी माना जा रहा है कि कन्नौज से भी नामांकन कर सकते हैं. खबरें आई थीं कि पहले आजमगढ़ सीट से शिव पाल यादव को लड़ाया जा सकता है. हालांकि, अब अखिलेश को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं.
बता दें कि साल 2014 मोदी लहर में भी सपा ने आजमगढ़ सीट पर जीत हासिल की थी. इसके बाद साल 2019 में भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसी सीट से चुनाव लड़ा और जीतकर संसद पहुंचे. हालांकि 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव ने करहल से चुनाव लड़ा और वह जीत गए. इसके बाद आजमगढ़ की लोकसभा सीट को उनको खाली करना पड़ा फिर अखिलेश यादव ने अपने भाई धर्मेंद्र यादव को चुनाव लड़ाया जो कि बसपा से गुड्डू जमाली के चुनाव लड़ने के कारण मतों के बंटवारा होने पर करीब 8000 वोट से चुनाव हार गए. यह सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में चली गई जहां से दिनेश लाल यादव निरहुआ फिलहाल सांसद है.
बता दें कि राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव राय समाजवादी पार्टी के सिंबल से घोसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की खबरें आई थीं. फतेहपुर से प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को, मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव को दोबारा चुनाव लड़ाया जा सकता है. डिंपल यादव अभी यहीं से सांसद हैं.