UP Lok Sabha Result 2024: लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के लिए मतगणना जारी है. यादव बेल्ट में सपा का प्रदर्शन अच्छा है. दोपहर बाद तक स्थिति साफ हो जाएगी. समाजवादी पार्टी मजबूती से चुनावी मैदान में उतरी है. चुनावों में यूपी की यादव बेल्ट काफी अहम स्थान रखती है. उत्तर प्रदेश में कन्नौज, मैनपुरी, बदायूं और फिरोजाबाद की सीटों को यादव बेल्ट की सीटें कहा जाता है. इन सीटों के अलावा एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, आजमगढ़, फैजाबाद, संत कबीर नगर, बलिया, कुशीनगर और जौनपुर ऐसे जिले हैं जहां पर यादव मतदाता अच्छी-खासी संख्या में हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सबसे ठोस वोट बैंक
यूपी में 19 यादव बेल्ट है जहां पर सपा के कोर वोटर हैं. इनमें कन्नौज, मैनपुरी, बदायूं और फिरोजाबाद में सपा परिवार का वर्चस्व माना जाता है. वहां भी यादव वोटर 8 फीसदी बताए जाते हैं. यूपी में यादव वोटरों की भागीदारी आठ फीसदी से 9 फीसदी तक होने का दावा किया जाता है. मैनपुरी, इटावा, कन्नौज, बदायूं, फिरोजाबाद, आजमगढ़, अयोध्या, संतकबीरनगर, कुशीनगर, फर्रुखाबाद, जौनपुर आदि लोकसभा सीटों पर इनका प्रभावी असर है. यूपी में सपा का यह सबसे ठोस वोट बैंक हैं. लोकसभा में इस समय चार यादव सांसद हैं जिसमें दो सपा,एक बसपा व एक बीजेपी का है.


उत्तर प्रदेश में 7 मई को लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए वोटिंग होनी है. सभी की निगाहें ब्रज और रुहेलखंड क्षेत्रों पर हैं. कोर वोटर्स के लिहाज से देखा जाए तो ये चुनाव क्षेत्र समाजवादी पार्टी का गढ़ है.यादव-मुस्लिम बहुलता वाली इन 10 सीटों को इसलिए ही 'यादव लैंड' के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि पिछले 2 चुनाव से अपने इस खास मैदान में अखिलेश यादव और उनकी पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है. इस बार के लोकसभा चुनावों में भी अगर समाजवादी पार्टी यहां की सीटों पर जीत का परचम नहीं लहरा पाई तो हमेशा के लिए जमीन खोने का डर रहेगा.


कन्नौज से लड़ रहे अखिलेश
अखिलेश कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. अखिलेश का मुकाबला बीजेपी के सुब्रत पाठक से है. अखिलेश के पिता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने साल 2000 से 2012 तक कन्नौज सीट से तीन बार जीते. उन्होंने अपने बेटे के लिए यह सीट छोड़ी थी. 1998 से सपा  कन्नौज सीट के पास थी. लेकिन, 2019 में सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराया था.  2014 में डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने यह सीट जीती थीं.


चचेरे भाइयों के साथ यादव बेल्ट से लड़ रहे अखिलेश
इस बार समाजावादी पार्टी यूपी में 63 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इस बार डिंपल मैनपुरी से चुनाव लड़ रही हैं. अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव आजमगढ़, दूसरे चचेरे भाई अक्षय यादव फिरोजाबाद और तीसरे चचेरे भाई आदित्य यादव बंदायू से चुनाव लड़ रहे हैं. इन पांचों सीटों का यादव बेल्ट कहते हैं.


सपा के लिए इन सीटों पर सबसे मजबूत समीकरण
एटा, फ़िरोज़ाबाद, मैनपुरी, बदायूँ और संभल जैसे निर्वाचन क्षेत्रों में, यादव मतदाताओं का बाहुल्य है. जो सैफई परिवार के लिए समर्पित रहे हैं.  साथ ही संभल, आंवला, फ़तेहपुर सीकरी, आगरा और फ़िरोज़ाबाद में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं.


2014 में यादव बेल्ट का हाल
लोकसभा 2014 के चुनाव में सपा ने यहां केवल 5 सीटें जीतीं. आजमगढ़ और मैनपुरी से मुलायम जीते. कन्नौज से डिंपल यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव और बदायूं से धर्मेंद्र यादव. इटावा, मैनपुरी, कन्नौज में यादव बहुल सीट पर मजबूत एमवाई समीकरण के कारण वह हमेशा मैदान में बाजी मारते रहे.


2019 लोकसभा में यादव
लोकसभा 2019 के चुनावों में सपा बुरी तरह पराजित हुई. ये यादव लैंड में समाजवादी पार्टी का अब तक का सबसे बेकार प्रदर्शन था. इस चुनाव में मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव और संभल से शफीकुरहमान बर्क ही चुनाव जीते थे.


बीजेपी लगाना चाहती है सेंध
भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व पिछले कई सालों से यादव वोटों को साधने में लगा है. बीजेपी समझती है कि अगर यूपी और बिहार में राज करना है तो समाजवादी पार्टी और आरजेडी जैसी पार्टियों से यादव समाज को छीन लेना होगा.


बिना मुलायम के चुनाव
समाजवादी पार्टी पहली बार लोकसभा चुनावों में बिना मुलायम सिंह के चुनाव मैदान में है. शायद इसलिए भी अखिलेश यादव के लिए यह कड़ी परीक्षा है. सपा के गठन के बाद से अब तक जितने भी चुनाव हुए, उसमें मुलायम की बड़ी भूमिका रहती थी. ओमप्रकाश राजभर, संजय निषाद, जयंद चौधरी ,दारा सिंह चौहान, केशव देव मौर्य आदि साथ छोड़ चुके हैं. अपना दल कमेरावादी से भी उनका संबंध खराब हो चुका है.


80 में से 62 सीट पर चुनाव
सपा 2024 के लोकसभा चुनाव में सूबे की कुल 80 में से 62 सीट पर चुनाव लड़ रही है. बाकी सीट सहयोगी दलों को दी गई हैं. समाजवादी पार्टी की लिस्ट में इस बार केवल पांच यादव प्रत्याशी उतारे, जिनमें कन्नौज सीट पर खुद अखिलेश चुनाव लड़ रहे हैं तो मैनपुरी सीट से उनकी पत्नी डिंपल यादव ,आजमगढ़ सीट से धर्मेंद्र यादव, बदायूं से शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव और फिरोजाबाद सीट से रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव चुनाव लड़ रहे हैं.