लखनऊ: विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए से जब से राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) दूर हुआ है तब से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई सीटों के समीकरण में बदलाव देखा जा सकेगा. नई स्थितियों में सहारनपुर और अमरोहा के साथ ही पश्चिमी यूपी की कई और सीटें कांग्रेस के हिस्से में कुछ ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद भी बढ़ गई है. रालोद के हटने से अब हालात ऐसे हो जाएंगे कि सपा व कांग्रेस अपने उम्मीदवारों के नामों को लेकर मुस्लिम बहुल सीटों पर नए सिरे से जोड़ घटाना करेगी. वैसे गठबंधन से रालोद के दूर होने पर कांग्रेसी चुप्पी साधे हुए हैं.


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राहुल गांधी की यात्रा और अखिलेश
सपा प्रमुख अखिलेश यादव आने वाले 16 फरवरी को राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से जुड़ने की बात पहले ही कह चुके हैं और ऐसी स्थिति में कांग्रेसी कोई भी ऐसा बयान देने से जरूर बच रहे हैं जिससे सपा को तकलीफ हो. रालोद के बीजेपी के साथ मेल मिलाप करने चर्चा पर कभी कभी मुहर लग सकती है और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने के पीएम मोदी के ऐलान के बाद तो बात और पक्की लग रही है. लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने पहले ही कहा कि इससे विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए पर किसी भी तरह का असर नहीं पड़ेगा.


बदलाव के आसार 
वैसे तो सपा के साथ कांग्रेस का अच्छा तालमेल बना था और विपक्षी गठबंधन में सपा ने कांग्रेस को 11 सीटें देने तक की बात कह डाली थी लेकिन लभगभ डेढ़ दर्जन सीटों की कांग्रेस की इच्छा है. नए समीकरणों में अपने लिए सीटे बढ़ाने का कांग्रेस पर दबाव जरूर होगा और ऐसी स्थिति में सपा द्वारा घोषित कुछ सीटों में भी बदलाव किए जाने के आसार दिखने लगे है.