Bharat Ratna: कर्पूरी ठाकुर तो कांशीराम क्यों नहीं, मायावती ने चुनाव से पहले चला दलित कार्ड
UP News: यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने राजनीतिक गुरु कांशीराम को भारत रत्न दिए जाने की मांग उठाई है. उन्होंने कर्पूरी ठाकुर के बहाने ये मांग उठाई है.
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग उठाकर यूपी लोकसभा चुनाव के पहले बड़ा दलित कार्ड खेल दिया है. केंद्र सरकार ने एक दिन पहले ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की है.
मायावती ने कई ट्वीट करके लिखा, कर्पूरी ठाकुर ने देश में अति-पिछड़ों को उनके संवैधानिक हक के लिए आजीवन कड़ा संघर्ष किया. उन्हें सामाजिक न्याय और समानता का जीवन दिलाने के लिए संघर्ष किया. जननायक श्री कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी 100वीं जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित करती हूं.
पूर्व सीएम ने लिखा, बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर जी को देर से ही सही अब भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करने के मोदी सरकार के फैसले का स्वागत है. देश के इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए उनके परिवार व सभी अनुयाइयों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं.
दलितों और उपेक्षितों को आत्मसम्मान के साथ जीने और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए बीएसपी के जन्मदाता और संस्थापक मान्यवर कांशीराम जी का योगदान ऐतिहासिक व अविस्मरणीय है. उन्हें भी करोड़ों लोगों की इच्छा के अनुसार भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया जाना चाहिए.
इससे पहले पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव को भारत रत्न देने की मांग समाजवादी पार्टी की ओर से उठाई जा चुकी है. अखिलेश यादव, डिंपल यादव ने उन्हें भारत रत्न दिए जाने की मांग उनकी पुण्यतिथि पर भी उठाई थी. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
मोदी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी जैसी कई हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित कर चुकी है. हर बार सरकार की ओर से घोषित नाम चौंकाने वाले होते हैं.