Nagina Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है. यूपी में सपा-कांग्रेस गठबंधन साथ चुनाव लड़ेंगे. नगीना वेस्ट यूपी की सबसे बड़ी लोकसभा सीट मानी जाती है. पहले यह बिजनौर के अंदर आती थी, लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में इसको अलग करके नई लोकसभा सीट बना दी गई थी. मायावती 1989 में यहीं से लड़कर संसद पहुंची थीं. इस सीट का गठन भारत के परिसीमन आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया गया था. आइए जानते है कि लोकसभा चुनाव 2024 में क्या कहते है नगीना लोकसभा सीट का समीकरण-


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क्या कहते है जतीय समीकरण
नगीना लोकसभा सीट में वोटरों की संख्या 16 लाख है. अगर यहां पर मुस्लिम आबादी की बात करें तो 6 लाख के लगभग यहां मुस्लिम वोटर है. वहीं अनुसूचित जाति के वोटरों की संख्या 3 लाख के लगभग है.  नगीना की 29 प्रतिशत आबादी हिंदू और 70 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम है.  इस हिसाब से यहां मुस्लिम वोटर्स की संख्या भी सबसे ज्यादा है. इसके बाद यहां 21 फीसदी एससी वोटर हैं. 


क्या इस बार बदल सकते हैं समीकरण?
मतदाताओं की बात करें तो यहां करीब 16 लाख वोटर्स हैं. अब तक नगीना सीट पर तीन बार लोकसभा चुनाव हुए हैं. हर चुनाव में अलग-अलग पार्टी ने जीत हासिल की. यहां एक-एक बार सपा, बीजेपी, बसपा के सांसद रहे है. चंद्रशेखर आजाद के इस सीट से चुनाव लड़ने के चलते इस बार समीकरण कुछ अलग देखने को मिल सकता है. 2024 में एक बार फिर लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं, इसको लेकर सभी की नजरें अभी से टिक गई हैं कि सपा, भाजपा बसपा को मौका देने के बाद यहां की जनता किसे सांसद बनाएगी और किसे घर बिठाएगी? ये तो वक्त ही बताएगा.


पांच विधानसभा सीटें 
2009 में अस्तित्व में आई नगीना लोकसभा सीट के अंतर्गत करीब पांच विधानसभा सीटें आती हैं. इन पांच विधानसभा सीटों में नजीबाबाद, नगीना धामपुर, नहटौर और नूरपुर शामिल हैं. बात 2017 विधानसभा चुनाव की करें तो इसमें तीन सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया था, बाकी बची हुई दो सीटों पर सपा ने जीत हाशिल की थी. नूरपुर विधानसभा सीट पर 2018 में उपचुनाव हुआ. उस दौरान ये सीट सपा के पाले में चली गई थी.  
इसके बाद फिर से 2022 में विधानसभा चुनाव हुआ जिसमें तीन सीटें सपा ने जीती और बची हुई दो सीटों पर ही भाजपा को संतुष्ट होना पड़ा


वर्तमान विधायक 


सीट                                                 पार्टी                     विधायक


नजीबाबाद विधानसभा                          सपा                 तसलीम अहमद
नगीना विधानसभा                                सपा                 मनोज कुमार पारस
धामपुर विधानसभा                               भाजपा              अशोक कुमार राणा
नहटौर विधानसभा                               भाजपा               ओम कुमार 
नूरपुर विधानसभा                                 सपा                 अवतार सिंह



नगीना लोकसभा का इतिहास
नगीना शब्द का उपयोग किसी बेशकीमती गहने या जेवरात के लिए किया जाता है. नगीना का अर्थ ही रत्न या रत्न जड़ित आभूषण होता है. इस शहर सैय्यद शासकों ने मुगलों से जागीर के रूप में पाया था. शायद इसीलिए इसे नगीना के नाम से संबोधित किया जाने लगा. ये क्षेत्र 1857 के विद्रोह में और अधिक मशहूर हुआ जब नजीबाबाद के नवाब और ब्रिटिश सेना के बीच बिजनौर में युद्ध हुआ था. इतिहास गवाही देता है कि 1919 के जलियावाला बाग की तरह एक घटना हुई थी. यहां स्थित पाईबाग में ब्रिटिश सेना ने निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसाकर उनकी हत्या कर दी थी. इस दौरान करीब 150 लोगों की मौत हुई थी. इस लोकसभा सीट का 2009 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के आधार पर गठन हुआ. 


तीन बार हुए लोकसभा चुनाव
इस सीट पर अब तक तीन बार लोकसभा चुनाव हो चुके है. 2024 में सीट चौथी बार ये सीट लोकसभा चुनाव की गवाह बनने जा रही है. 2009 में लोकसभा चुनाव की बात करें तो पहली बार यहां पर सपा ने झंडा लहराया था. वहीं दूसरी बार 2014 में हुए चुनाव में इस सीट पर कमल खिला था. लेकिन यहां की जनता ने 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में फिर से पलटी मार दी और इस बार मौका बसपा को दिया गया था. 2019 में ये सीट बसपा के खाते में चली गई थी.


वर्तमान सांसद


सीट                                     पार्टी                        सांसद                               वर्ष


नगीना लोकसभा सीट             सपा                     यशवीर सिंह                         2009
 
नगीना लोकसभा सीट            भाजपा                   यशवंत सिंह                         2014


नगीना लोकसभा सीट            बसपा                     गिरीश चंद्र सांसद                 2019


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