यूपी में पाला बदल फायदे में रहे जयंत, जाटलैंड के नेता को क्या मोदी सरकार में मिलेगा मंत्रिपद
RLD Performance UP: बीजेपी के पूर्वांचल में सहयोगी दल धड़ाम होते दिखे लेकिन पश्चिमी यूपी में जयंत चौधरी को साथ लाने का फॉर्मूला पार्टी के काम आया है. राष्ट्रीय लोकदल के खाते में आईं दोनों सीटों पर जीत का परचम लहराया.
RLD Performance UP: लोकसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. 2019 में यूपी में 62 सीटें जीतने वाली बीजेपी इस बार 33 सीटों पर सिमट गई. पार्टी के पूर्वांचल में सहयोगी दल धड़ाम होते दिखे लेकिन पश्चिमी यूपी में जयंत चौधरी को साथ लाने का फॉर्मूला पार्टी के काम आया है. बीजेपी के सहयोगी दलों में सबसे बेहतर प्रदर्शन राष्ट्रीय लोकदल का रहा है. जिसके खाते में आईं दोनों सीटों पर जीत का परचम लहराया. दोनों सीटें पश्चिमी यूपी में आती हैं.
एनडीए गठबंधन से रालोद के खाते में पश्चिमी यूपी की बागपत और बिजनौर लोकसभा सीट आई थी. पार्टी ने बिजनौर से चंदन चौहान और बागपत से राजकुमार सांगवान को मैदान में उतारा था. दोनों ही सीटों पर राष्ट्रीय लोकदल ने परचम लहराया है. इस बार चौधरी परिवार का कोई सदस्य चुनावी मैदान में नहीं उतरा था.
बिजनौर
बिजनौर में रालोद से चुनाव लड़े चंदन चौहान ने 37508 वोटों से जीत दर्ज की. उन्होंने यहां सपा के दीपक को शिकस्त दी जबकि तीसरे नंबर पर बसपा प्रत्याशी रहा. यहां बसपा उम्मीदवार विजेंद्र सिंह को 218986 वोट मिले.
बागपत
बागपत में भी रालोद प्रत्याशी राजकुमार सांगवान ने हैंडपंप चलाया है. उन्होंने सपा प्रत्याशी अमरपाल को 159459 वोटों से शिकस्त दी. रालोद प्रत्याशी राजकुमार सांगवान को 488967, सपा प्रत्याशी अमरपाल को 329508 और बसपा के प्रवीण बंसल को 92266 वोट मिले.
हाथ से छिटकीं 3 सीटें
छोटे दलों को भले ज्यादा महत्व न दिया जाता हो लेकिन चुनाव में ये बड़े दलों का खेल बनाने और बिगाड़ने दोनों में भूमिका निभाते हैं. 2014 और 2019 दोनों लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने छोटे दलों का साथ लिया था. जिसका पार्टी को फायदा हुआ. 2024 में भी बीजेपी के साथ निषाद पार्टी, अपना दल एस और ओपी राजभर की सुभासपा साथ थी. बीजेपी ने सहयोगी दलों को 5 सीटें दी थीं. जबकि निषाद पार्टी के दो कैंडिडेट बीजेपी के सिंबल पर लड़े थे. इनमें से चार पर जीत मिली जबकि 3 सीटें हाथ से छिटक गईं.