Loksabha Election 2024: राम मंदिर, धारा 370 और अब यूसीसी, जानें बीजेपी ने 10 सालों में पूरे किए कितने वादे
Loksabha Election 2024: 2014 हो या 2019 का लोकसभा चुनाव, भाजपा के एजेंडे में कुछ ऐसे मुद्दे रहे हैं, जिनका जिक्र वह अपने चुनावी घोषणा पत्र में करती रही है. आइए देखते हैं बीजेपी ने 10 सालों में कितने वादे पूरे किए हैं.
Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक है. केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी बीते 10 साल से सत्ता पर आसीन है. सरकार बनाने से पहले भाजपा ने जनता से कई वादे घोषणा पत्र के जरिए किए थे. इनमें से धारा 370, राम मंदिर जैसे कई ऐसे हैं, जिनको पूरा किया जा चुका है. आइए जानते हैं बीते 10 साल में मोदी सरकार ने कौन से प्रमुख वादे पूरे किए हैं. और किन पर काम बाकी है.
आर्टिकल 370
बीजेपी हमेशा से जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने की पक्षधर रही है. यह पार्टी के सबसे पुराने एजेंडों में से एक था. 5 अगस्त साल 2019 में बीजेपी ने दूसरे कार्यकाल में इसे निरस्त कर दिया. इसके साथ ही राज्य दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बंट गया.
भव्य राम मंदिर का निर्माण
राम मंदिर निर्माण भी बीजेपी के मुख्य मुद्दों में रहा. 2019 में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो गया. पीएम मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया. वहीं 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. इसके बाद रामभक्त बड़ी संख्या में अयोध्या पहुंच रहे हैं.
वन रैंक,वन पेंशन
रिटायर्ड सैनकों की बेहद पुरानी मांग को मानते हुए अप्रैल 2016 में वन रैंक वन पेंशन प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी. वन रैंक वन पेंशन के तहत करीब 25 लाख पूर्व सैनिकों को लाभ दिया जा रहा है. सरकार को वार्षिक पेंशन में 7,488 रुपये और बकाया में 10,925 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च की बात कही गई थी. नए संशोधन के अनुसार सिपाही को अब 19,726 रुपए पेंशन मिलती है.
तीन तलाक कानून
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में तीन तलाक को लेकर कानून बनाने के वादे को दोहराया था. तीन तलाक कानून को भारत में 19 सितंबर 2018 से लागू हुआ. इस कानून के तहत तीन तलाक बोलना गैरकानूनी कर दिया गया.
यूसीसी
यूसीसी का मुद्दा बेहद पुराना है. बीजेपी अपने घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता को लागू करवाने का वादा करती रही है. ऐसे में उत्तराखंड में यूसीसी बिल लाकर भाजपा ने पहली चाल चल दी है. माना जा रहा है कि अगर यहां अच्छे परिणाम मिलते हैं तो इसे देशभर में लागू किया जा सकता है.
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