Prayagraj News: लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में सीटों का बंटवारा हो गया है. सीट बंटवारे के बाद ही सपा के अंदरखाने में नाराजगी दिखने लगी है. मुलायम सिंह यादव के साथ सपा की नींव रखने वाले रेवती रमण के भी तेवर बागी दिख रहे हैं. पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह इलाहाबाद लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में दिए जाने को लेकर नाराज दिख रहे हैं. चर्चा है कि रेवती रमण सिंह अपने समर्थकों के साथ सपा छोड़ भाजपा में जा सकते हैं. 


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यमुना पार की सियासत की धुरी रहे 
मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी कुंवर रेवती रमण सिंह का जन्‍म 5 अक्टूबर 1943 को यूपी के प्रयागराज में हुआ है. रेवती रमण सिंह ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव, बेनी प्रसाद वर्मा और आजम खान के साथ समाजवादी पार्टी की स्थापना में अहम भूमिका निभाई है. वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी रहे. वह प्रयागराज की करछना सीट से 8 बार विधायक रह चुके हैं. 


मुरली मनोहर जोशी को हराया 
इतना ही नहीं रेवती रमण सिंह 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी को हरा दिया था. वह इलाहाबाद लोकसभा सीट से दो बार सांसद रहे. इसके अलावा 3 बार मंत्री भी रह चुके हैं. बता दें कि रेवती रमण सिंह के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मनोज सिन्हा समेत भाजपा के तमाम नेताओं से आत्मीय संबंध हैं. 


सियासी विरासत आगे बढ़ा रहे बेटे उज्‍जवल रमण सिंह 
रेवती रमण सांसद चुने जाने के बाद करछना सीट से उनके बेटे उज्जवल रमण सिंह ने सियासी विरासत को आगे बढ़ाया है. रेवती रमण सिंह के बेटे उज्‍जवल रमण सिंह दो बार विधायक रह चुके हैं. 2022 चुनाव में उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा था. रेवती रमण का मानना है कि राजनीति में संभावनाओं के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं. 


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