Samajwadi Party Candidate list 2024: कौन हैं मुजफ्फरनगर से सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक, इस जाट नेता के लिए RLD से भिड़े थे अखिलेश
SP Loksabha Candidate 2nd List: लोकसभा चुनाव 2024 में कुछ ही दिन का समय बचा है. ऐसे में सपा अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है. सपा ने सोमवार 19 फरवरी को दूसरी लिस्ट जारी कर दी है. जानें कौन हैं 4 बार के विधायक व एक बार राज्यसभा सांसद रहे हरेंद्र मलिक, जिनको सपा ने मुजफ्फरनगर से अपना उम्मीदवार बनाया है.....
Samajwadi Party Candidate list 2024: Lucknow: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने लोकसभा उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट का जारी कर दी है. सपा की ओर से 11 नामों की घोषणा की गई है, जिसमें मुजफ्फरनगर सीट पर हरेंद्र मलिक को उम्मीदवार बनाया गया है. सपा ने दूसरी लिस्ट जारी करते हुए बताया कि मुजफ्फरनगर से हरेंद्र मलिक, आवंला से नीरज मौर्य, हरदोई से उषा वर्मा, मिश्रिख से रामपाल राजवंशी, मोहनलालगंज से आरके चौधरी, प्रतापगढ़ से डॉ. एसपी सिंह पटेल, बहराइच से रमेश गौतम, गोंडा से श्रेया वर्मा, गाजीपुर से अफजाल अंसारी और चंदौली से वीरेंद्र सिंह 2024 लोकसभा चुनाव के लिए हमारे प्रत्याशी होंगे.
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट वेस्ट यूपी की सबसे हॉट सीट मानी जाती है, यही वजह है कि अभी ये यहां टिकट की खींचतान हो रही है. शुरू हो गई है. लोकसभा चुनाव 2024 में अभी कुछ महीने का समय बचा है लेकिन सियासी हलचल शुरू हो गई है.हरेंद्र मलिक को मुजफ्फरनगर के बड़े जाट नेताओं में शामिल किया जाता है. मलिक पूर्व में सांसद और विधायक रह चुके हैं. इस समय भी उनके बेटे पंकज मलिक सपा से विधायक हैं. आरएलडी और सपा के गढ़बंधन को खत्म करने में भी इस सीट का हाथ है.
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जानें कौन हैं हरेंद्र मलिक?
चार बार विधायक व एक बार राज्यसभा सदस्य रहे हरेंद्र मलिक ने करीब 20 साल बाद 2021 में बाद एक बार फिर लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष समाजवादी पार्टी में वापसी की थी. उनके साथ दो बार के पूर्व विधायक पंकज मलिक, चरथावल के पूर्व ब्लॉक प्रमुख जिल्ले हैदर समेत काफी संख्या में जिले के कांग्रेसियों ने पार्टी छोड़कर सपा की सदस्यता ली थी. हरेंद्र मलिक ने अपना राजनैतिक जीवन चौधरी चरण सिंह की पार्टी लोकदल से शुरू किया था. वह 1885 में खतौली विधानसभा सीट से लोकदल के टिकट पर पहली बार विधायक बने थे.
इसके बाद वह लगातार तीन बार 1989, 1991 व 1993 में लोकदल टिकट से बघरा विधानसभा सीट से विधायक रहे. 1996 का चुनाव हारने के बाद उन्होंने लोकदल छोड़कर समाजवादी पार्टी की सदस्यता ले ली थी. मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सपा टिकट पर वह 1998 और 1999 में लोकसभा का चुनाव मुजफ्फरनगर सीट से लड़ चुके हैं, लेकिन एक बार वह भाजपा के सोहनबीर सिंह से और एक बार कांग्रेस के सईदुज्जमां से हार गए थे. इसके बाद वेस्ट की राजनीति में सक्रिय होने का प्रयास कर रहे हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने हरेंद्र मलिक को इंडियन नेशनल लोकदल में शामिल कर अपनी पार्टी का यूपी का अध्यक्ष बनाया.
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2002 में उन्हें हरियाणा विधानसभा से राज्यसभा में भेज दिया गया. हालांकि उन्होंने 2004 में इनेलो को छोड़कर कांग्रेस का दाम थाम लिया था. तब से वह कांग्रेस में ही थे. हरेंद्र मलिक ने 2009 में कांग्रेस के टिकट पर मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह चौथे स्थान पर रहे थे. हरेंद्र मलिक ने 2004 में अपने पुत्र पंकज मलिक को बघरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया, लेकिन वह लोकदल के परमजीत मलिक से चुनाव हार गए थे. इसके बाद पंकज मलिक ने 2007 में कांग्रेस के टिकट पर बघरा विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की.
हरेंद्र शामली जिला बनने के बाद पंकज मलिक ने शामली विधानसभा सीट से 2012 में कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा और विजयी रहे. वह 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगे के समय कांग्रेस के ही विधायक थे. 2017 में पंकज मलिक शामली से चुनाव हार गए थे. पंकज मलिक को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की वेस्ट यूपी में कोर टीम का सदस्य माना जाता था. अब उन्होंने पहली बार समाजवादी पार्टी का दामन थामा है.