Swami Prasad Maurya: समाजवादी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने के पीछे पार्टी में भेदभाव होना बताया है. हालांकि, राजनीतिक जानकार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले स्‍वामी प्रसाद मौर्य के इस फैसले को कुछ और ही वजह बता रहे हैं. 


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कहीं राज्‍यसभा तो नहीं जाना चाह रहे थे स्‍वामी?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि स्‍वामी प्रसाद मौर्य उम्‍मीद कर रहे थे कि पार्टी उन्‍हें राज्‍यसभा भेज सकती है. वह अंतिम समय तक पार्टी से यही उम्‍मीद बांधे रहे, लेकिन मंगलवार को जैसे ही सपा के तीनों प्रत्‍याशियों (जया बच्‍चन, रामजी लाल सुमन और आलोक रंजन) ने अपना नामांकन किया, स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने तत्‍काल अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. 


सोशल मीडिया पर पोस्‍ट किया इस्‍तीफा 
इतना ही नहीं राजनीतिक जानकारों का यह भी कहना है कि स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर इस्‍तीफे को लेकर जो पत्र वायरल किया है, उसमें साफ-साफ उनकी नाराजगी झलक रही है. वहीं, एक और वजह हिन्‍दू धर्म को लेकर लगातार बयानबाजी भी हो सकती है. स्‍वामी प्रसाद मौर्य कई दफे हिन्‍दू धर्म को लेकर अपमानजनक टिप्‍पणी की. 


हिन्‍दू धर्म को लेकर अपमानजनक टिप्‍पणी भी हो सकती है वजह 
कई बार हिन्‍दू धर्म पर अपमानजनक टिप्‍पणी को लेकर खुद पार्टी नेताओं ने भी नाराजगी जाहिर की. इतना ही नहीं पार्टी के नेताओं ने खुद सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव से भी शिकायत की. बताया जा रहा है कि स्‍वामी प्रसाद की बयानबाजी से खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी कई दफे नाराजगी व्‍यक्‍त की थी. बावजूद इसके स्‍वामी प्रसाद मौर्य हिन्‍दू धर्म को लेकर अपमानजनक टिप्‍पणी करते रहे. 


सपा विधायक को भाजपा का एजेंट बताया था 
वहीं, एक वजह सपा विधायकों में आपसी तकरार भी हो सकती है. पिछले दिनों ऊंचाहार से सपा विधायक मनोज पांडेय ने स्‍वामी प्रसाद मौर्य को विक्षिप्‍त बता दिया था. इसके बाद स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने सपा विधायक पर पलटवार करते हुए मनोज पांडेय को भाजपा का एजेंट तक करार दे दिया था. दोनों नेताओं के आपसी तकरार को पार्टी हाईकमान ने संज्ञान लिया था.  


आपसी टकराव 
सपा की राजनीति को गंभीरता से जानने वालों का मानान था कि पार्टी में अनुशासन खत्म हो गया है. दलीय अनुशासन स्थापित करने का कोई मैकेनिज्म नहीं है. ऐसे में विधायकों का आपस में टकराव चुनाव में समाजवादी पार्टी का नुकसान पहुंचा सकता है. यह भी एक वजह हो सकती है. 


क्‍या बोले सपा प्रवक्‍ता?  
वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि स्‍वामी प्रसाद मौर्य का पद से इस्‍तीफा देने की जानकारी प्राप्‍त हुई है. सपा का शीर्ष नेतृत्‍व स्‍वामी प्रसाद मौर्य के इस फैसले पर अपना निर्णय लेगा. समाजवादी पार्टी विचारों की पार्टी है. समाजवादी पार्टी में लोकतंत्र है. लोग अपनी बात रख सकते हैं. 


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