सुरक्षा हटाए जाने पर भड़के बीजेपी विधायक, नंद किशोर गुर्जर ने पुलिस आयुक्त पर लगाए गंभीर आरोप
Ghaziabad News : बीजेपी विधायक ने जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल उठाए हैं. गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त पर विपक्ष से मिलीभगत करने तथा हत्या, रंगदारी का आरोप लगाया है.
Ghaziabad News : गाजियाबाद के लोनी से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर खुद की सुरक्षा हटाए जाने पर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है. बीजेपी विधायक ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी सुरक्षा हटाकर उनकी जान को खतरे में डालने तथा चुनाव प्रचार से दूर रखने का आरोप लगाया है.
पुलिस आयुक्त पर मिलीभगत का आरोप
बीजेपी विधायक ने जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल उठाए हैं. गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त पर विपक्ष से मिलीभगत करने तथा हत्या, रंगदारी और चोरी के मामलों में आरोपियों को सुरक्षाकर्मी मुहैया कराने का आरोप लगाया है.
चुनाव प्रचार से दूर रखा
बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने अपर मुख्य सचिव (गृह) को भेजे शिकायती पत्र में कहा है कि चुनाव के दौरान पुलिस आयुक्त के आदेश पर उनके सुरक्षाकर्मी वापस ले लिए गए थे, ताकि मुझे चुनाव प्रचार से दूर रखा जा सके और लोनी के संवेदनशील क्षेत्र में भाजपा को संसदीय चुनाव में हार का सामना करना पड़े.
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सुरक्षा हटाने का जिक्र
गुर्जर ने पत्र में यह भी जिक्र किया है कि पुलिस आयुक्त ने उन्हें बताया कि उनकी सुरक्षा मुख्यमंत्री के निर्देश और अपर मुख्य सचिव गृह के आदेश पर हटाई गई है. विधायक ने आरोप लगाया कि पुलिस आयुक्त ने हत्या, अपहरण, रंगदारी और चोरी के मामलों में नामजद अपराधियों को सुरक्षा मुहैया कराई है, इससे साबित होता है कि पुलिस आयुक्त और उनके सहयोगी विपक्षियों से मिलकर मेरी हत्या करवाने में लगे हैं.
कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
उन्होंने क्षेत्र में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर सवाल कर अपर मुख्य सचिव (गृह) से सलाह मांगते हुए लिखा, आचार संहिता की आड़ में जिले की कानून व्यवस्था 1990 से भी अधिक चरमरा गई है. आप आंकड़े मंगाकर नशाखोरी, हत्या, अवैध वसूली, अपहरण में बेलगाम वृद्धि की पुष्टि कर सकते हैं या मैं आपको उपलब्ध करा दूंगा तो जिले में कानून व्यवस्था की ऐसी चरमराई स्थिति और असुरक्षित माहौल में मुझे यहीं रहना चाहिए या किसी दूसरे राज्य में शरण लेनी चाहिए? कृपया सूचित करें और मार्गदर्शन करें. वहीं, इस मामले में गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है.