लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशु पालन विभाग में फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन के खिलाफ सरकार लुकआउट नोटिस जारी कराने की तैयारी में है. पशुपालन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर ठगी मामले में आरोपी सेन लंबे समय से फरार है. इससे पहले अरविंद सेन (Arvind sen) के राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित घर पर पुलिस ने कुर्की का नोटिस चस्पा किया था. 


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नोटिस किया चस्पा
पुलिस की अर्जी पर कोर्ट ने 24 दिसंबर को अरविंद सेन को भगोड़ा घोषित कर दिया था. शुक्रवार को हजरतगंज पुलिस टीम उसके गोमतीनगर के विराटखंड स्थित घर पर पहुंची. पुलिस ने आईपीएस अरविंद सेन के घर पर डुगडुगी पिटवाई थी. इसके अलावा घर नोटिस भी चस्पा कर दिया.


चल-अचल सम्पत्ति चिन्हित
इस कड़ी में पुलिस ने गोमतीनगर में उनके फ्लैट के अलावा अयोध्या और अम्बेडकरनगर में एक दर्जन से अधिक चल-अचल सम्पत्ति चिन्हित कर ली हैं. करोड़ों रुपये की चल-अचल सम्पत्ति के बारे में कई और जानकारियां खंगाली जा रही हैं. कानूनी औपचारिकताएं पूरी होते ही हजरतगंज पुलिस एक साथ इन सम्पत्तियों को कुर्क करेगी. इसकी जांच एसीपी श्वेता श्रीवास्तव कर रही है.


शासन ने किया था निलंबित
एसटीएफ की जांच में अरविंद  सेन की भूमिका उजागर होने के बाद शासन ने उन्हें निलम्बित कर किया गया था. आरोपित के खिलाफ इनाम भी घोषित है. कुछ समय पहले ही अरविन्द सेन पर 25 हजार रुपये इनाम भी घोषित किया जा चुका है.


भगोड़ा घोषित अरविंद सेन
अरविंद सेन के साथ ही इस फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपियों से साठगांठ रखने में एक और डीआईजी दिनेश चन्द्र दुबे को भी शासन ने निलम्बित कर दिया. उधर पुलिस महकमे में इस बात की चर्चा काफी है कि आखिर कोर्ट से अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने और अब भगोड़ा घोषित होने के बाद भी अरविंद सेन हाजिर होने से क्यों बच रहे हैं.


जल्द ही कर सकता है समर्पण
इस फर्जीवाड़े में 13 जून को हजरतगंज कोतवाली में पीड़ित व्यापारी इंदौर निवासी मंजीत भाटिया ने एफआईआर दर्ज करायी थी. सूत्रों के अनुसार अरविंद  सेन जल्द ही आत्मसमर्पण कर सकता है.


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