लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लोगों को सांस लेना भारी पड़ रहा है. नवाबों का शहर उड़ती धूल से परेशान है. काफी समय से शहर की एयर क्वॉलिटी खराब हो चुकी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ में खराब हवा की सबसे बड़ी वजह सड़कों की धूल है. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (PCB) ने शहर के गोमतीनगर, हुसैनगंज, आलमबाग, लोहिया पथ, पत्रकारपुरम, रिंग रोड, इंदिरानगर सहित कई इलाकों में जांच कराई और पाया कि प्रदूषण में लगभग 80% योगदान सड़कों की धूल का है. PCB ने नगर निगम और NHI को को भेजी रिपोर्ट में कहा कि दिन भर में हजारों दफा चलती गाड़ियां और खराब सड़कों की वजह से उड़ रही धूल ही प्रदूषण का सबसे बड़ा हिस्सा है.


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रिसर्च में पता चला है कि हवा में मौजूद पार्टीकुलेट मैटर 10 (पीएम 10) बढ़ कर 87% हो गया है वहीं पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ कर 77% हो गई है, जिसका असली कारण धूल ही है.  


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पॉल्यूशन से बीमारियां होने का खतरा
लोगों का कहना है कि खराब पड़ी हुई सड़कों पर उड़ती धूल उनकी जिंदगी की बहुत बड़ी समस्या है. एक तो कोरोना महामारी के चलते उन्हें दिन भर मास्क लगाना पड़ता है. इसके अलावा उड़ती धूल की वजह से सांस फूल जाती है. पर्याप्त ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से शरीर बीमारियों का घर बनता जा रहा है. शहर की सड़कें काफी दिनों से खराब पड़ी हुई हैं, लेकिन इसकी कोई सुध नहीं लेता.


कंस्ट्रक्शन की धूल हवा खराब कर रही है
वहीं नगर निगम का कहना है कि वे प्रदूषण को लेकर बड़े कदम उठा रहे हैं. बिल्डिंग के कंस्ट्रक्शन की वजह से प्रदूषण काफी होता है, जिसको लेकर वे कई मकानों पर एक्शन भी लिए जाते हैं. साथ ही टूटी सड़कों पर पानी का छिड़काव भी करवाया जाता है जिससे प्रदूषण कंट्रोल किया जा सके.


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