लखनऊ : राजभर के विवादित बयान से सपा कार्यकर्ता नाराज, घर पर फेंके टमाटर और अंडे
यूपी के कैबिनेट मंत्री ने कहा था कि राजपूत और यादव सबसे ज्यादा शराब पीते हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी किया पलटवार.
लखनऊ : यूपी के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के विवादित बयान से नाराज सपा कार्यकर्ताओं ने शनिवार को उनके घर पर टमाटर और अंडे फेंके. इसके साथ ही राजभर के घर के बाहर प्रदर्शन कर नारेबाजी भी की. ओमप्रकाश राजभर ने शुक्रवार (27 अप्रैल) को शराबबंदी के समर्थन में बातचीत करते हुए बयान दिया था कि राजपूत और यादव सबसे ज्यादा शराब पीते हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि यह उनका पुश्तैनी कारोबार है. इसके विरोध में शनिवार को सपा कार्यकर्ता लखनऊ स्थित उनके घर पर नारेबाजी करते हुए पहुंचे और घर पर टमाटर व अंडे फेंके.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ओमप्रकाश राजभर के विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शनिवार को ट्वीट कर उनपर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट में लिखा 'केवल शराब ही क्यों, गांजा-चिलम, ताड़ी, तंबाकू, चरस, अफीम की पुडि़या और अहंकार के खिलाफ भी आंदोलन होना चाहिए. ये नशे भी तो खूब चल रहे हैं'. उन्होंने आगे लिखा 'नशा लोग करते हैं, कोई जाति नहीं'.
शराब को बताया था पुश्तैनी कारोबार
शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे यूपी कैबिनेट मंत्री राजभर ने उत्तर प्रदेश में शराबबंदी को लेकर आवाज बुलंद की थी. उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा था कि यादव और राजपूत बिरादरी सबसे ज्यादा शराब पीती है क्योंकि ये उनका पुश्तैनी कारोबार है. कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि इस समय सबसे ज्यादा आरोप तो राजभर के ऊपर हैं पर सबसे ज्यादा शराब यादव पीता है, राजपूत भी पीता है क्योंकि ये उसका पुश्तैनी कारोबार है, उसको पीने का शौक है. इसके बाद उन्होंने संभलते हुए कहा था कि ऐसा नहीं है, सभी जाति के लोग शराब पीते हैं.
शराबबंदी का किया था समर्थन
शराब बंदी की मुहिम चला रहे ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि शराब से बहुत लोग दुखी हैं और आपको इस दुख को देखना हो तो उसके पास जाओ जिस मां के पास चार बच्चे हैं. आप उस बहन और बेटी के पास जाओ जिसका भाई, परिवार, बाप शराब पीकर आता है और क्या-क्या उन्हें झेलना पड़ता है. इसे मैंने देखा है, इसलिए इसे बंद होना चाहिए. मैं 15 साल से कह रहा हूं. सपा, बसपा में सरकार से बाहर रहकर कहता था, उन्होंने नहीं सुना. गरीब चाहता है कि ये बंद हो. आप लोग वोट खिसकने की बात करते हैं, इस अभियान से हर तबके के दुखी लोग बड़ी संख्या में एक तरफ खड़े होने वाले हैं कि शराब बंद होनी चाहिए क्योंकि ये समाज का, प्रदेश का और देश का नुकसान कर रही है. यह विकास में बाधक है.