लखनऊ:  समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) की निर्माण इकाई यूपी स्टेट कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (यूपी सिडको) ने भ्रष्टाचार के मामले में तीन इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है. इनके खिलाफ एफआइआर (FIR) दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं.


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तीन इंजीनियर निलंबित
इनमें मुख्य अभियंता केके शर्मा, अधीक्षण अभियंता विनोद चंद्र पाण्डेय और सहायक अभियंता वासुदेव तिवारी शामिल हैं. इन पर आरोप लगा है कि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा महाराष्ट्र में निर्माण कार्यों के दौरान बगैर काम किए फर्मों को 4.80 करोड़ रुपये एडवांस दिलवा दिए. जांच में मामला सही पाए जाने के बाद यूपी सिडको (UP SIDCO) के प्रबंध निदेशक ने तीनों अभियंताओं (Three engineers) को निलंबित कर दिया है. इनके खिलाफ FIR दर्ज करने और नुकसान की वसूली करने के निर्देश दिए गए हैं.


फर्मों को 4.80 करोड़ का एंडवास दिलाया
ये मामला साल 2009 से 2015 के बीच का है. उस समय केके शर्मा वहां अधिशासी अभियंता के पद पर तैनात थे. वो वर्तमान में मुख्या अभियंता पश्चिम के पद पर तैनात हैं. विनोद चंद्र पांडेय भी उस समय अधिशासी अभियंता के पद पर तैनात थे. तीसरे अभियंता वासुदेव तिवारी सहयक अभियंता के पद पर तैनात थे. इन लोगों ने काम करने वाली फर्मों को 4.80 करोड़ का एंडवास दिला दिया. मामले की परत तब खुली जब वहां पर दूसरे अभियंताओं की तैनाती की गई. 


मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई और तब जाकर वर्धा यूनिवर्सिटी में पड़ताल की तब जाकर इस सारे मामले की पोल खुली. इस कमेटी ने जांच करने के बाद जो अपनी रिपोर्ट दी उस रिपोर्ट के आधार पर प्रबंध निदेशक ने ये कार्रवाई की. दोषी पाए गए लोगों और ठेकेदार कंपनियों के खिलाफ ने केवल निलंबन और एफआईआर की कार्रवाई की है बल्कि इन सभी से घोटाले की गई राशि की वसूली भी की जाएगी.


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