नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: मानसून के महीने में आई बाढ़ ने उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश तक तबाही मचाई हुई है. यूपी के बाराबंकी में भी सरयू नदी में आई बाद ने जमकर तबाही मचा रखी है. सरयू नदी में तेज बहाव के कारण लोगों के आशियाने समाने लगे हैं.  सरयू नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु से भी ऊपर बह रहा है. आपको बता दें कि नेपाल से लगभग ढाई लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है. इसी कारण सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.  


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प्रशासन ने जरी किया अलर्ट 
भयानक जलस्तर को देखते हुए जहां एक तरफ तराई के सैकड़ों गांवों में डर का माहौल है, वहीं दूसरी तरफ प्रशासन ने गांवों में लोगों को अलर्ट जारी कर दिया है. नदी की कटान में लोगों के घर और खेती की जमीन समा रही है. ऐसे में नदी के किनारे बसे गांव के तमाम लोग पलायन कर चुके हैं. जो बचे हैं वह भी अपना सामान समेटने लगे हैं. हालांकि कटान को रोकने के लिए बाढ़ खंड विभाग हर संभव उपाय करने के दावे कर रहा है. लेकिन फिर भी लोगों को राहत किसी तरह की राहत मिलती नहीं दिख रही.


ग्रामीणों ने किया पलायन 
बाराबंकी जिले में सरयू नदी का जलस्तर एल्गिन ब्रिज पर चेतावनी बिंदु 105.070 मीटर को पार कर चुका है. वहीं दूसरी तरफ सरयू नदी की कटान जारी है. अब तक तेलवारी गांव के लगभग छह मकान नदी की धारा में समा चुके हैं. इन घरों में रहने वाले लोग गांव छोड़कर सुरक्षित स्थान के लिए पलायन कर गए हैं. जबकि कई घर कटान के मुहाने पर पहुंच चुके हैं. जिसके चलते लोग खुद अपने घरों को तोड़ने पर मजबूर हैं. इसके अलावा नदी की धारा में खेती योग्य भूमि भी समा रही है। ऐसे में बाढ़ पीड़ितों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


यह गांव बाढ़ से हो रहे प्रभावित 
जिले की रामनगर, सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र के लगभग 150 गांव सरयू नदी की बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं. बाराबंकी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि लगातार बारिश के चलते सरयू नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. कल नेपाल द्वारा लगभग ढाई लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है, जिसे देखते हुए तीनों तहसीलों के अधिकारियों को अलर्ट किया जा चुका है. संसंबंधित तहसीलों के एसडीएम स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. तहसील प्रशासन नाव की व्यवस्था करने के साथ ही, सभी बाढ़ चौकियों पर नजर बनाए हुए हैं.


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