`अबकी बार पेपर लीक सरकार`, UGC NET एग्जाम को लेकर अखिलेश का हमला, सात साल में आठ भर्ती परीक्षा रद्द
Paper Leak: जब किसी प्रतियोगी परीक्षा का पेपर आउट होता है तो परीक्षार्थियों के साथ उनके परिजनों के भी सपने भी टूट जाते हैं. युवाओं के अंदर निराश का भाव घर कर जाता है और शासन-प्रशासन के खिलाफ भी अविश्वास बढ़ जाता है. इन घटनाओं में या कहें की पेपर लीक मामले में कई बार बड़े-बड़े कोचिंग संस्थानों या संचालकों का हाथ होता है.
Paper Leak: शिक्षा मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होने के बाद यह मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है. इस कड़ी में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस फैसले के बाद सरकार पर हमला तेज कर दिया. अखिलेश ने कोर्ट की निगरानी में कड़ी जांच कराने और दोषियों को कठोरतम सजा दिलाए जाने की मांग की है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा..अबकी बार, पेपर लीक सरकार, अब ये सरकार कुछ ही दिनों की मेहमान है. 19 जून को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने UGC-NET जून 2024 परीक्षा रद कर दी है. इससे पहले यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा भी रद्द की गई थी. इससे पहले भी कई बार भर्ती परीक्षाएं रद्द की गईं, जिसका असर हमारे समाज पर भी बहुत पड़ा.
लखनऊ विवि के बाहर प्रदर्शन
यूजीसी नेट परीक्षा रद्द होने के बाद छात्रों में भारी आक्रोश है. छात्रों ने लखनऊ यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 1 पर बड़ा प्रदर्शन किया. छात्र केंद्रीय शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शन को देखते हुए गेट नंबर 1 के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है. बैरिकेड करके छात्रों को रोका गया है. छात्रों ने बैरिकेड पर चढ़कर किया प्रदर्शन
अखिलेश यादव ने समझाया..........
और अब गड़बड़ी की ख़बर के बाद UGC- NET की परीक्षा भी रद्द कर दी गयी है. भाजपा के राज में पेपर माफ़िया एक के बाद एक, हर एग्ज़ाम में धांधली कर रहा है. ये देश के ख़िलाफ़ किसी की बड़ी साज़िश भी हो सकती है।
गहरी बात समझिए
पुलिस भर्ती की परीक्षा का पेपर लीक होगा तो क़ानून-व्यवस्था नहीं सुधरेगी.। जिससे देश-प्रदेश में अशांति और अस्थिरता बनी रहेगी. NEET की परीक्षा में घपला होगा तो ईमानदार लोग डॉक्टर नहीं बन पाएंगे और देश के लोगों के इलाज के लिए भविष्य में डॉक्टरों की कमी और बढ़ जाएगी और बेईमान लोग, जनता के जीवन के लिए ख़तरा बन जाएंगे. UGC-NET परीक्षा न होने से, पहले से शिक्षकों की जो कमी चली आ रही है, उसमें और भी ज़्यादा इज़ाफ़ा होगा. शिक्षकों की कमी से देश के मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न होगी, जो कालांतर में देश के लिए बेहद घातक साबित होगी. इन सबसे प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था चौपट हो जाएगी. ये हमारे देश के शासन-प्रशासन व देश के मानव संसाधन के विरूद्ध कोई बहुत बड़ा षड्यंत्र भी हो सकता है, जिसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम निकलेंगे. इसीलिए कोर्ट की निगरानी में इसकी कठोर जाँच हो और दोषियों को कठोरतम सज़ा दी जाए, और कोई भी अपराधी छोड़ा न जाए, फिर वो चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो या फिर उसके सिर पर सत्ता का हाथ ही क्यों न हो. लोग कह रहे हैं जो भ्रष्ट लोग कोरोना के वैक्सीन में चुनावी चंदे के नाम पर पीछे से करोड़ों रूपये खा सकते हैं, वो भला परीक्षा-प्रणाली को क्या छोड़ेंगे.
UGC-NET जून 2024 परीक्षा कैंसिल
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने UGC-NET जून 2024 परीक्षा रद्द कर दी है. भारत सरकार ने यह निर्णय परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और शुचिता के उच्चतम स्तर को बनाए रखने के लिए लिया है. एक दिन पहले ही दो पालियों में परीक्षा आयोजित हुई थी. गृह मंत्रालय ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए हैं. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा रद्द कर दी जाए. नए सिरे से परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके लिए जानकारी अलग से शेयर की जाएगी. साथ ही, मामले की गहन जांच के लिए मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपा जा रहा है. बता दें कि यूजीसी नीट (UGC NEET) पहले ही विवादों में घिरी है. बीते मंगलवार को ही देशभर के लाखों कैंडिडेट्स ने अपने करीबी एग्जाम सेंटर जाकर यूजीसी-नेट की परीक्षा दी थी, जिसका अब रद्द होना बड़ा झटका है. यूजीसी नेट 18 जून को देशभर के 317 शहरों में 1205 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित कराया गया था.
गर्म मुद्दों में से एक नीट यूजी परीक्षा
नीट यूजी परीक्षा इस वक्त देश के सबसे गर्म मुद्दों में से एक है. इस परीक्षा को रद्द करने की मांग लगातार बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स, अभिभवाकों व अन्य लोगों की तरफ उठाई जा रही है. नीट यूजी परीक्षा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. अभी तक कई परीक्षाएं पेपर लीक के कारण रद्द हो चुकी हैं. जिससे लाखों कैंडिडेट्स प्रभावित हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ग्रेस मार्क्स प्राप्त छात्रों को फिर से नीट की परीक्षा देनी होगी. नीट यूजी परीक्षा का पेपर साल 2021 में लीक हुआ था. इसमें आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को पकड़ा गया था.
24 फरवरी को कैंसिल हुई थी परीक्षा
कांस्टेबल भर्ती परीक्षा- 17 और 18 फरवरी को हुई कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद 24 फरवरी को रद्द कर दिया गया था. यूपी के सीएम योगी ने कहा था कि छह महीने के अंदर दोबारा परीक्षा कराई जाएगी. सीएम ने कहा था कि परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.
यूपी में ये पेपर हुए लीक
रिपोर्ट्स के अनुसार बीते पांच सालों में देश भर के अलग-अलग राज्यों में दर्जनों Exam कैंसिल हुए हैं. कई मामलों में परीक्षा से पहले ही एग्जाम लीक होने की बात सामने आई है. अगर बात करें उत्तर प्रदेश की तो बीते सालों में RO, ARO पेपर लीक, कॉलेज प्रवेश परीक्षा पेपर लीक, पीईटी परीक्षा का पेपर लीक, UPTET, ट्यूबवेल ड्राइवर टेस्ट लीक सितंबर, यूपीपीसीएल पेपर लीक हुआ है.
सात साल में 8 भर्ती परीक्षा के पेपर लीक
जानकारी के मुताबिक, यूपी में पिछले सात सालों में 8 भर्ती परीक्षा के पेपर लीक हो चुके हैं, जिसमें RO/ARO, UPSSSC, PET, UP Police Bharti और UPTET के पेपर लीक की घटनाएं भी शामिल हैं, योगी सरकार इन पर लगाम लगाने कि लिए काफी सख्त हो गई है. सरकार जल्द ही एक पेपर लीक कानून लाने जा रही है. इस कानून के तहत पेपर लीक मामले में संलिप्त दोषियों पर 1 करोड़ तक जुर्माना लगया जा सकता है. इसके साथ ही दोषी को उम्रकैद की सजा भी हो सकती है. इसके लिए सरकार ने खाका भी तैयार कर लिया, जिसको वह जल्द धरातल पर लागू कर देगी.
अभी पेपर लीक रोकने के लिए क्या है कानून
प्रदेश में अभी पेपर लीक के आरोपी जमानत पर आसानी से छूट जाते हैं. इसकी बड़ा कारण है कानून का सख्त नहीं होना. साल 1998 में बने कानून के तहत ही अभी राज्य में कार्रवाई की जाती है. इसमें 1 से 7 साल की सजा और 10 हजार जुर्माने का प्रावधान है. कड़ी सजा नहीं होने से आरोपी में भय नहीं रहता और ये युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करते हैं.
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