Lucknow: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को भाजपा पर जमकर हमला बोला. भाजपा के लखनऊ में आयोजित यादव महाकुंभ पर अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा बहुत होशियार पार्टी है. वो इस तरह के तरीके अपनाते रहते हैं. लेकिन, उनकी ये ट्रिक बहुत पुरानी है.  इसके लिए हमारा वजीर तैयार है. उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बारे में कहा कि वो तो प्यारे मोहन हैं. 


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दरअसल, भाजपा ने लखनऊ में यादव महाकुंभ का आयोजन किया था. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. डॉ. मोहन यादव इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि यादव समाज का कोई ठेकेदार नहीं है, समाज की अपनी पहचान है. मुझे मुख्यमंत्री बनाने से कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है. उन्होंने इस कार्यक्रम में अखिलेश यादव पर जमकर कटाक्ष किया था. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा कहती है कि किसानों की आय दोगुनी होगी, क्या इस महंगाई में आय दोगुनी हुई?. दुनिया में शायद इतना कर्ज किसी देश के ऊपर नहीं होगा. सिर्फ पेपर लीक से ही भाजपा के सवा दो लाख वोट लीक हो गए हैं. 


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अखिलेश यादव ने मामले में सीबीआई जांच के सवाल पर कहा कि सीबीआई एक एजेंसी है, हमसे अगर कोई सवाल पूछेंगे तो हम उसका जवाब देंगे. अखिलेश यादव की मौजूदगी में पूर्व मंत्री शिवकुमार बेरिया और रुदौली के पूर्व विधायक रुश्दी मियां बसपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए. उनके साथ कई अन्य नेताओं ने भी सपा की सदस्यता ली. सोमवार को बीजेपी और बीएसपी के 100 से अधिक नेताओं ने सपा की सदस्यता ग्रहण की है. इस दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र 'टेनी' को टिकट देने पर कहा कि जनता को समझना चाहिए कि बीजेपी कैसी सरकार है? सब हारने वाले चेहरों को टिकट दिया गया है. अखिलेश यादव ने कहा कि हम समाजवादी के लोग अपना परिवार बढ़ा रहे हैं. चुनाव पीडीए ही तय करेगा। 80 यूपी, 40 बिहार. बीजेपी रहेगी तो आरक्षण भी खत्म हो जाएगा. नौकरी भी खत्म हो जाएगी. इसलिए बीजेपी के लोग पार्टी छोड़कर सपा में शामिल हो रहे हैं. 


अखिलेश बीजेपी पर हमला करते हुए अपने सोशल मीडिया "एक्स" पर लिखा कि- किसने सोचा था कि भाजपा के ऐसे दिन भी आएंगे कि कुछ उम्मीदवार टिकट मिलने से पहले कुछ और काम को ज़्यादा ज़रूरी बताने का बहाना करके दावेदारी छोड़ देंगे. ⁠कोई खेल को राजनीति से अधिक गंभीर मानकर बाहर जाने की बात करेगा. ⁠कोई पर्यावरण के बहाने पतझड़ी भाजपा से बाहर निकलने के लिए प्रार्थना पत्र लिखेगा, ⁠कोई टिकट कटने पर संन्यास लेने का ऐलान कर देगा, ⁠कोई टिकट मिलने के बाद भी दूर से ही सोशल मीडिया पर अपने व्यक्तिगत कारणों से टिकट को ठुकरा देगा. अखिलेश ने आगे लिखते हैं कि भाजपा एक दल के रूप में इतनी कमज़ोर कभी नहीं थी. अब तो जनता के अलावा, भाजपा वाले भी ख़ुद ही कह रहे हैं : ‘नहीं चाहिए भाजपा.’