हड़ताली वकीलों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी जीत, पर पांच मांगों को लेकर अड़े अधिवक्ता
Hapur Lathicharge Advocate Strike: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हापुड़ लाठीचार्ज के विरोध में हड़ताल कर रहे वकीलों के पक्ष में बड़ा फैसला दिया है. उनकी तीन बड़ी मांगों को लेकर सरकार को निर्देश जारी किया है.
Hapur Lathicharge Advocate Strike : हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज मामले का इलाहाबाद हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच ने संज्ञान लेते हुए सोमवार को सुनवाई की, जहां अधिवक्ताओं को बड़ी जीत मिली. हाईकोर्ट ने सरकार की तरफ गठित एसआईटी में रिटायर्ड जस्टिस को शामिल करने का निर्देश दिया. वकीलों की तरफ से भी मामले में तहरीर मिलने पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश भी दिया गया. एसआईटी की जांच पूरी होने तक वकीलों पर किसी भी पुलिस कार्रवाई पर भी कोर्ट ने रोक लगा दी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के अगले दिन बार एसोसिएशन ने हड़ताल को स्थगित भी कर दिया है. हालांकि हापुड़ समेत कई जिलों की बार एसोसिएशन ने इस पर आपत्ति जताते हुए स्ट्राइक जारी रखने का फैसला किया है.
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने वादकारियों की दिक्कतों को देखते हुए हड़ताल आगे न बढ़ाने की घोषणा पिछले मंगलवार को की थी. उस दिन यूपी में अदालतों का कामकाज ठप रहा. हाईकोर्ट से मिली राहत के बावजूद हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज के मामले में हड़ताल जारी रखने का ये फैसला किया गया है. अवध बार एसोसिएशन ने भी हड़ताल पर रुख नरम किया है. हालांकि बार काउंसिल हड़ताल से जुड़ी अपनी मांगों पर कायम है. जिला अदालतों का हड़ताल पर रुख भी कड़ा है. उनका कहना है कि सरकार द्वारा प्रमुख मांगें माने जाने तक हड़ताल वापसी का मतलब नहीं है.
इसमें डीएम और कप्तान हापुड़ का तबादला करनेऔर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग पूरी होने तक हड़ताल खत्म नहीं करने का संकेत दिया है. प्रदेश भर में अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमों को स्पंज करने की मांग रखी गई है. एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट पारित कर प्रदेश में लागू करने की मांग भी देर शाम बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की हुई बैठक में दोहराई गई. हापुड़ के लाठीचार्ज में घायल अधिवक्ताओं को मुआवजे की मांग भी बुलंद की गई है.बार काउंसिल ऑफ यूपी ने सीएम से मुलाकात का समय मांगा है.
इससे पहले यूपी बार एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार को पूरे प्रदेश में अधिवक्ताओं ने हड़ताल की. जिला अदालतों में कामकाज लगभग ठप रहा, जबकि हाईकोर्ट में भी बहुत कम मामलों में सुनवाई हो पाई. अधिवक्ताओं ने प्रदेश सरकार के समक्ष पांच बड़ी मांगे रखी हैं. इसमें हापुड़ लाठीचार्ज के दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग शामिल है. साथ ही हापुड़ के डीएम और एसपी को हटाने की मांग भी रखी गई है. वकीलों पर दर्ज एफआईआर वापस लेने की मांग भी अधिवक्ताओं ने उठाई है.
यूपी बार एसोसिएशन ने इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की मांग भी की है. उनका कहना है कि वो सीएम के सामने अपनी मांगों को गंभीरता से रखेंगे ताकि यह मुद्दा समाधान की ओर बढ़ सके. वकीलों ने एडवोकेट प्रोटेक्शन लॉ को भी लागू करने की मांग की है, जिससे अधिवक्ताओं के खिलाफ ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते हापुड़ पुलिस ने एक महिला वकील और उनके पिता के खिलाफ एक मामले में एफआईआर दर्ज की थी. इसके विरोध में आक्रोशित वकीलों ने सड़क जाम कर दी थी. पुलिस प्रशासन की मान मनुहार के बाद भी अधिवक्ता नहीं माने. फिर पुलिस ने सड़क पर जाम को खुलवाने के लिए लाठीचार्ज कर दिया.
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